नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक यानि एसबीआई ने कहा है कि उसने रेपो दर में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ अपने ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है। नई ब्याज दर एक अप्रैल 2020 से प्रभावी होगी। एसबीआई ने एक वक्तव्य में कहा है कि उसकी नई दर बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर (ईबीआर) और रेपो दर से जुड़ी कर्ज दर (आरएलएलआर) के तहत कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर लागू होगी। बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर को 7.80 प्रतिशत से घटाकर 7.05 प्रतिशत वार्षिक कर दिया गया है जबकि आरएलएलआर को 7.40 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत पर ला दिया गया है।
एसबीआई ने यह भी कहा है कि ईबीआर और आरएलएलआर से जुड़े 30 साल के कर्ज पर दर घटने के बाद ईएमआआ में प्रत्येक एक लाख रुपये पर 52 रुपये की कमी आयेगी। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी। यह पिछले 15 साल में सबसे बड़ी कटौती बताई जा रही है। इसे 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं केन्द्रीय बैंक ने कोरोना वायरस को रोकने के लिये 21 दिन के लॉकडाउन को देखते हुये लोगों की आय और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुये कर्ज की किस्त के भुगतान पर भी तीन माह तक रोक लगाने की बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अनुमति दी है। इस पर एसबीआई ने कहा है कि तीन माह तक कर्ज की किस्त वसूली नहीं होने पर उसका करीब 60,000 करोड़ रुपये का प्राप्ति आगे के लिये टल जायेगी। स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा हमारा सावधिक कर्ज का आंकड़ा काफी बड़ा है। इस कर्ज पर हर साल करीब दो से ढाई लाख करोड़ रुपये की वापसी होती है। इस प्रकार तीन महीने का आंकड़ा 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये के आसपास होगा।
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