नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक अलग कंपनी एसबीआई इन्फ्रा मैनजमेंट सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (एसबीआईआईएमएस) बनाई है। यह कंपनी देश भर में स्टेट बैंक के भवनों व रीयल एस्टेट संपत्तियों का प्रबंधन करेगी। बैंक के इस कदम को उसका गैर-मुख्य गतिविधियों से हटकर अपने तुलन-पत्र को सुधारने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।
- उल्लेखनीय है कि सरकार से कड़े दिशा निर्देशों के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र के अनेक बैंक अपनी गैर-मुख्य गतिविधियों से हट रहे हैं।
- वे अपनी फंसे कर्ज की आस्तियों को संपत्ति प्रबंधन कंपनियों और अन्य वित्तीय इकाइयों को बेच रहे हैं।
- स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा है कि उसने यह नयी कंपनी बैंक के गैर मुख्य कारोबार के प्रबंधन में लगे कार्यकारियों का समय बचाने के लिए बनाई है।
- इन अधिकारियों का बेहतर इस्तेमाल अब मुख्य बैंकिंग सेवाओं में किया जा सकेगा।
एसबीआई की चेयरपर्सन अरूंधति भट्टाचार्य ने कहा, हमने इस बात को महसूस किया कि बैंक की अपनी और पट्टे पर ली गई संपत्तियों के अधिग्रहण, निर्माण और रखरखाव के काम पर 200 तकनीकी अधिकारियों सहित करीब 1,100 अधिकारी लगे हैं। यह बैंक की गैर-मूल गतिविधियों में शामिल है। इसलिये इस काम के लिए अलग इकाई बनाना बेहतर होगा जिसमें इससे कम कर्मचारी होंगे।
- अरूंधति का कहना है कि नयी फर्म के पास 400 समर्पित अधिकारी होंगे जो कि भवन परिसर व रीयल एस्टेट से जुड़े काम को देखेंगे।
- उन्होंने कहा कि इस इकाई के स्टेट बैंक के प्रत्येक स्थानीय प्रधान कार्यालय में सर्किल कार्यालय होंगे।
- देशभर में स्टेट बैंक के प्रशासनिक कार्यालय केन्द्रों में 100 के करीब क्षेत्रीय कार्यालय होंगे।
- शुरुआती दौर में यह इकाई केवल भारतीय स्टेट बैंक समूह की संपत्तियों और परिसरों का ही रखरखाव करेगी।