नई दिल्ली। एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सर्विसेस ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए मूल्य दायरा 750 से 755 रुपए प्रति शेयर तय किया है। देश में कार्ड जारी करने वाली यह दूसरी सबसे बड़ी कंपनी 9,000 करोड़ रुपए के आईपीओ के जरिये पूंजी बाजार में दस्तक देने जा रही है। निर्गम दो मार्च को आएगा और चार मार्च को बंद होगा। इसमें 500 करोड़ रुपए के नए शेयर शामिल होंगे और इसके साथ प्रवर्तक अपने करीब 13 करोड़ शेयर बिक्री के लिए रखेंगे।
प्रवर्तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और कार्लाइल ग्रुप क्रमश: 3.73 करोड़ शेयर और 9.32 करोड़ शेयर की बिक्री कर रहे हैं। एसबीआई के प्रबंध निदेशक दिनेश खरे ने आईपीओ के लिए प्रचार-प्रसार शुरू करते हुए संवाददाताओं से कहा कि एसबीआई की कंपनी में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कार्लाइल ग्रुप के पास है।
क्रेडिट कार्ड की संख्या के संदर्भ में एसबीआई कार्ड की बाजार हिस्सेदारी 18 प्रतिशत है। कंपनी का फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2019 में 2.47 प्रतिशत रहा, जो मार्च 2018 में 2.44 प्रतिशत था।
एसबीआई कार्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर और मुख्य कार्यकारी हरदयाल प्रसाद ने कहा कि नोटबंदी और नए बाजारों में प्रवेश करने की वजह से एनपीए बढ़ा है और हम इसे कम कर 2.4-2.5 प्रतिशत पर लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
एसबीआई कार्ड को 1998 में एसबीआई और जीई कैपिटल द्वारा लॉन्च किया गया था लेकिन दिसंबर 2017 में जीई ने अपनी हिस्सेदारी भारतीय स्टेट बैंक और कार्लाइल ग्रुप को बेच दी थी। मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) पर बोलते हुए खरे ने कहा कि एमडीआर को क्रेडिट कार्ड के लिए नहीं बल्कि केवल डेबिट कार्ड के लिए हटाया गया है। पिछले साल दिसंबर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 1 जनवरी, 2020 से रूपे और यूपीआई मंच द्वारा किए जाने वाले लेनदेन पर एमडीआर शुल्क नहीं लगेगा।