नईदिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक के निदेशक मंडल ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लिए समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना से कर्जदाताओं को करीब 23,000 करोड़ रुपये की वसूली कर सकेंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। माना जा रहा है कि यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ने करीब 14,700 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। वहीं रिलायंस जियो ने रिलायंस इन्फ्राटेल लि.
की टावर एवं फाइबर संपत्तियों के लिए 4,700 करोड़ रुपये की पेशकश की है।
इसके अलावा चीन और भारत के कर्जदाताओं को किए गए 4,300 करोड़ रुपये के प्राथमिक भुगतान की वापस वसूली भी की जानी है। जियो ने रिलायंस इन्फ्राटेल की टावर और फाइबर संपत्तियों के लिए बोली लगाई है, जबकि यूवीएआरसी ने आरकॉम और रिलायंस टेलीकॉम लि.की संपत्तियों के लिए बोली लगाई है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया एसबीआई के निदेशक मंडल ने आरकॉम के लिए समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। उम्मीद की जा रही है कि बोर्ड ऋणदाताओं की समिति की बैठक में आरकॉम समाधान योजना के पक्ष में मत करेगा। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स में आरकॉम की समाधान योजना पर मतदान शुरू हो गया है और यह चार मार्च को समाप्त हो रहा है। हालांकि इस बारे में एसबीआई और आरकॉम की तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया है।
आरकॉम का गारंटी वाला कर्ज करीब 33,000 करोड़ रुपये का है। ऋणदाताओं ने अगस्त में 49,000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए दावा किया था। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपनी सभी संपत्तियों को बिक्री के लिए रखा है। इनमें 122 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम, टावर कारोबार, आप्टिकल फाइबर नेटवर्क और डाटा सेंटर शामिल हैं। एनसीएलटी के आदेश के अनुसार सीओसी को समूची प्रक्रिया को 10 जनवरी तक पूरा करना था, लेकिन उसने इसके लिए और समय मांगा था। डेलॉयट द्वारा पांच मार्च को एनसीएलटी मुंबई के समक्ष समाधान योजना पेश करने की उम्मीद है।