नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने रिटेल ग्राहकों के लिए त्योहारी सीजन से पहले ही उपहारों व रियायतों की झड़ी लगा दी है। ऐसा माना जा रहा है कि देश में सुस्त पड़ी ऑटो बिक्री में तेजी लाने के लिए एसबीआई ने यह कदम उठाया है। एसबीआई के बाद अब अन्य सरकारी और निजी बैंक भी ग्राहकों को लुभाने के लिए इस तरह की घोषणाएं करेंगे।
बैंक ने बयान में कहा कि ग्राहक सस्ते कर्ज के साथ अन्य लाभ भी उठा सकते हैं। इनमें कर्ज पर प्रसंस्करण शुल्क से छूट, पूर्व अनुमोदित डिजिटल कर्ज और विभिन्न श्रेणी के कर्ज में ब्याज दर में इजाफा नहीं करना शामिल हैं। हालांकि, बैंक ने ऑफर की वैधता के बारे में नहीं बताया है। स्टेट बैंक ने त्योहारी मौसम में कार के लिए कर्ज पर प्रसंस्करण शुल्क हटा लिया है। बैंक 8.70 प्रतिशत की शुरुआती ब्याज दर पर कर्ज दे रहा है। साथ ही ब्याज में वृद्धि भी नहीं की जाएगी। इससे ग्राहकों को ब्याज दर में उतार-चढ़ाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बैंक की वेबसाइट या डिजिटल मंच योनो के जरिये कार लोन के लिए आवेदन करने वाले ग्राहक को ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। वेतनभोगी ग्राहक कार की ऑन रोड कीमत का 90 प्रतिशत तक कर्ज ले सकते हैं। हाल ही में एसबीआई ने एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत की कटौती की है, जिसके चलते अप्रैल 2019 से अब तक उसके होम लोन की ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत की कमी हो चुकी है।
एसबीआई ने कहा कि बैंक ने रेपो दर आधारित कर्ज के रूप में 8.05 प्रतिशत की ब्याज दर से सबसे सस्ते होम लोन की पेशकश की है। यह दर एक सितंबर से सभी मौजूदा और नए कर्ज पर लागू होगी। बैंक अपने ग्राहकों को 20 लाख रुपए तक का पर्सनल लोन 10.75 प्रतिशत की ब्याज दर पर देगा। कर्ज को चुकाने की अवधि 6 साल होगी। इससे ग्राहकों पर मासिक किस्त (ईएमआई) का बोझ कम होगा।
इसके अलावा वेतनभोगी खातेधारक योनो एप के जरिये पांच लाख रुपए तक का पूर्व-अनुमोदित डिजिटल लोन भी ले सकते हैं। बैंक ने शिक्षा के लिए भी आकर्षक दर पर कर्ज देने की पेशकश की है। देश में पढ़ने के लिए 50 लाख रुपए तक और विदेश में पढ़ने के लिए 1.50 करोड़ रुपए तक का कर्ज 8.25 प्रतिशत की दर पर उपलब्ध होगा। कर्ज वापस करने की अवधि 15 साल होगी।
भारतीय ऑटो उद्योग इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है। इस साल जुलाई में ऑटो बिक्री अपने 20 साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है। बैंक ने ऑटो डीलर्स को कर्ज चुकाने के लिए 15 से 30 दिन का अतिरिक्त समय प्रदान किया है। उल्लेखनीय है कि बैंकों ने ऑटो डीलर्स को 11,500 करोड़ रुपए का कर्ज दे रखा है।
एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर-रिटेल एंड डिजिटल बैंकिंग, पीके गुप्ता ने कहा कि सामान्य तौर पर कर्ज भुगतान अवधि 60 दिन की होती है। हमनें कुछ डीलर्स के लिए इसे बढ़ाकर 75 दिन और कुछ के लिए 90 दिन की है। हम हर डीलर से बात कर रहे हैं।