नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के ग्राहकों के लिए 1 जनवरी 2020 से इन तीन नियमों में बदलाव हो रहा है। एटीएम से कैश निकालने से लेकर कार्ड तक में बदलवा किया जा रहा है। आप इन नियमों को पहले से ही जान लें तो आपको नए साल में पैसों से जुड़ी कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
पहला नियम
एसबीआई ने एटीएम से कैश निकालने के नियमों में बदलाव किया है। नया नियम 1 जनवरी 2020 की रात 8 बजे से लागू हो जाएगा। एसबीआई ने कार्ड क्लोनिंग और कार्ड स्वैप कर बढ़ती धोखाधड़ी रोकने के लिए कैश निकालने पर ओटीपी व्यवस्था शुरू की है। 1 जनवरी 2020 से रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक 10 हजार रुपए से ज्यादा की निकासी पर आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, जिसके बाद ही कैश निकाला जा सकेगा। यह ओटीपी केवल एक ही ट्रांजेक्शन के लिए काम करेगा, यानी यह यूनीक कोड होगा। दूसरे ट्रांजेक्शन के लिए अलग कोड इस्तेमाल करना पड़ेगा। यहां ये भी बता दें कि नई प्रणाली से कैश निकालने की मौजूदा प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह सिस्टम केवल एसबीआई के एटीएम पर लागू है, किसी और बैंक के एटीएम पर यह प्रणाली काम नहीं करेगी।
दूसरा नियम
एसबीआई खाताधारक एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो अब 1 जनवरी 2020 से ईएमवी चिप और पिन बेस्ड कार्ड्स ही मान्य होंगे। यदि अभी तक आपने मैग्नेटिक स्ट्रिप डेबिट कार्ड को नहीं बदलवाया तो आप नए साल से कोई ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे। 31 दिसंबर 2019 के बाद मैग्नेटिक स्ट्रिप डेबिट कार्ड ब्लॉक कर दिए जाएंगे यानी आप ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे, जिससे आपको पैसों की दिक्कत हो सकती है। फिलहाल, बैंक की ओर से 31 दिसंबर 2019 तक मैग्नेटिक स्ट्रिप डेबिट कार्ड कार्ड का रिप्लेसमेंट फ्री ऑफ कॉस्ट किया जा रहा है।
तीसरा नियम
1 जनवरी 2020 से ग्राहकों को बैंकों से एनईएफटी के जरिए किए जाने वाले लेनदेन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण प्रणाली (एनईएफटी) के जरिए चौबीसों घंटे लेन-देन की सुविधा 16 दिसंबर 2019 से शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक पहले ही एनईएफटी तथा आरटीजीएस लेन-देन पर शुल्क समाप्त करने का निर्णय ले चुका है।