रियाद। सऊदी अरब ने रविवार को अपनी दिग्गज पेट्रोलियम कंपनी अरामको का मूल्य 1710 अरब डॉलर तक आंका है। कंपनी बाजार में आईपीओ लाने की प्रक्रिया में है और माना जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। हालांकि, युवराज मोहम्मद बिन सलमान के शुरूआती 2,000 अरब डॉलर के लक्ष्य से कंपनी का यह मूल्यांकन कम रहा है।
अरामको ने कहा कि वह आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के तहत कंपनी की 1.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। यह 24 से 25.6 अरब डॉलर तक हो सकती है। शुरू में सऊदी अरब की कंपनी की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना थी। कंपनी के अनुसार पेशकश का आकार कंपनी के कुल शेयर का 1.5 प्रतिशत होगा। सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा कंपनी ने कहा कि उसने निवेशकों से 30-32 सऊदी रियाल (8-8.5 डॉलर) प्रति शेयर के भाव पर बोलियां स्वीकार करनी शुरू कर दी है।
युवराज मोहम्मद की बहु-प्रतीक्षित पेशकश का मकसद तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था को विविध रूप देना है। कंपनी का यह आईपीओ चीन की खुदरा कंपनी अलीबाबा के 25 अरब डॉलर के आईपीओ के बाद दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ होगा। अरामको की शुरू में दो शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की योजना थी। सबसे पहले 2 प्रतिशत शेयर बिक्री के साथ सऊदी अरब के तदावुल शेयर बाजार में तथा तीन प्रतिशत शेयरों की बिक्री के साथ वैश्विक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराना था।
हालांकि, कंपनी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में फिलहाल सूचीबद्ध कराने की योजना नहीं है। अरामको को पिछले साल 111.1 अरब डॉलर का शुद्ध लाभ हुआ था। इस साल पहले नौ महीनों में कंपनी का शुद्ध लाभ 68.2 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 18 प्रतिशत कम है।