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दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्‍पादक कंपनी सऊदी अरामको महाराष्ट्र रिफाइनरी में खरीदेगी 50% हिस्सेदारी, सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री ने किया समझौता

दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको महाराष्ट्र की 44 अरब डॉलर लागत वाली रिफाइनरी सह पेट्रोरसायन परियोजना में 50% हिस्सेदारी खरीदेगी।

Edited by: Manish Mishra
Updated on: April 11, 2018 19:07 IST
Saudi Aramco- India TV Paisa

Saudi Aramco

 

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको महाराष्ट्र की 44 अरब डॉलर लागत वाली रिफाइनरी सह पेट्रोरसायन परियोजना में 50% हिस्सेदारी खरीदेगी। इसके लिए कंपनी ने बुधवार को एक समझौता पर हस्ताक्षर किया। छह करोड़ टन क्षमता वाली इस रिफाइनरी से सऊदी अरामको को अपने तीन करोड़ टन कच्चे अतिरिक्त तेल का एक सुनिश्चित ग्राहक मिल जाएगा। यहां अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच (आईईएफ) के सम्मेलन से इतर इस संबंध में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

सम्मेलन में शामिल होने भारत यात्रा पर आए सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद ए. अल-फालिह ने यहां पत्रकारों से कहा कि अरामको की योजना बाद में अपनी हिस्सेदारी में से कुछ किसी अन्य रणनीतिक निवेशक को देने की है। कंपनी इस परियोजना के लिए 50% कच्चे तेल की आपूर्ति करेगी। इस परियोजना में बाकी की हिस्सेदारी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की रहेगी।

फालिह ने कहा कि भले ही यह परियोजना कितनी भी बड़ी हो, लेकिन भारत में निवेश की यह हमारी इच्छा को पूरा नहीं करती है। अरामको अन्य अवसरों के लिए बातचीत करती रहेगी। हमारे निवेश और ऊर्जा आपूर्ति के लिए भारत एक महत्वपूर्ण गंतव्य है।

फालिह ने कहा कि अरामको ईंधन के खुदरा कारोबार में भी उतरने के लिए उत्सुक है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 50:50 प्रतिशत की हिस्सेदारी (भारतीय कंपनियों और विदेशी कंपनियों की) के आधार पर बनाया गया है। इसमें तीन भारतीय कंपनियों के पास 50% हिस्सेदारी है। हम इसमें अंतरराष्ट्रीय भागीदार की भूमिका निभा रहे हैं।

इस परियोजना के लिए सऊदी अरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमीन नसीर और रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।

रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स, इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा मिलकर बनाई गई कंपनी है। इसमें इंडियन ऑयल की हिस्सेदारी 50%, जबकि हिंदुस्तान पेट्रोलियम एवं भारत पेट्रोलियम की 25-25% हिस्सेदारी है। अरामको के प्रवेश के बाद 50% हिस्सेदारी को इन तीनों के बीच इसी अनुपात में बांट दिया गया।

सऊदी अरामको के अलावा अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडनॉक) ने भी इस परियोजना में रुचि दिखाई है। इस रिफाइनरी के 2022 तक शुरु होने की उम्मीद है।

अन्य मुख्य तेल उत्पादक देशों की तरह अरामको भी निवेश के सहारे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता देश में अपने ग्राहकों को पक्का करना चाहती है ताकि उसे कच्चे तेल का एक सुनिश्चित ग्राहक मिल सके। संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत भी इस तरह की परियोजनाओं में निवेश पर विचार कर रहे हैं।

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