मुंबई। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) ने सहारा लाइफ की अपील पर बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के उस आदेश पर सुनवाई 10 अगस्त पर टाल दी है जिसमें नियामक ने उसके कारोबार को निजी क्षेत्र की एक अन्य कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ को बेचने का निर्देश दे रखा है। IRDAI का आदेश 21 अगस्त को प्रभावी होने वाला है। SAT उससे पहले सुनवाई को पूरा करना चाहता है। बीमा नियामक IRDAI ने 28 जुलाई को निजी क्षेत्र की बीमा कंपनी आईसीआईसीआई प्रू्डेंशियल लाइफ को संकटग्रस्त सहारा लाइफ का कारोबार 21 अगस्त तक अपने नियंत्रण में लेने को कहा था।
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IRDAI ने हालांकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल से सहारा लाइफ का कारोबार 31 जुलाई तक अपने नियंत्रण में लेने को कहा था, वहीं पॉलिसीधारकों को रिन्यूअल प्रीमियम देने के लिए 15 दिन का समय दिया था। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल को दावों के निपटान के लिए 21 दिन का समय दिया गया है। उसके बाद सहारा लाइफ के पॉलिसीधारकों का कामकाज आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ देखेगी।
IRDAI के वकील सोमशेखर सुंदरसन ने दलील दी कि सहारा लाइफ ने 78 करोड़ रुपए की हेराफेरी की है। शेयरधारकों के हितों के संरक्षण के लिए कारोबार का ट्रांसफर जरूरी है। इस पर सहारा के वकील ने कहा कि कंपनी ने कोई पैसा इधर-उधर नहीं किया है और यह पैसा सिक्योरिटी डिपॉजिट था, जिसका इस्तेमाल सहारा ने कानूनी कारोबारी लेनदेन के लिए किया है।
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पिछले सोमवार को दो सदस्यीय SAT की पीठ…न्यायमूर्ति सीकेजी नायर और न्यायमूर्ति जोग सिंह ने सहारा लाइफ की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए इस मामले पर यथास्थिति का आदेश दिया। आज इस मामले की सुनवाई के बाद पीठ ने अगली सुनवाई की तारीख गुरुवार को तय की है। सैट ने कहा कि वह IRDAI का आदेश 21 अगस्त तक प्रभावी होने से पहले इस मामले की तेजी से सुनवाई करेगा।