नई दिल्ली। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने आज भगोड़ा घोषित शराब कारोबारी विजय माल्या की भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। माल्या ने सेबी द्वारा उनके प्रतिभूति बाजार में कारोबार की रोक के आदेश को चुनौती दी थी। सैट ने इसके साथ ही माल्या को तीन सप्ताह के भीतर नियामक के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।
सैट ने माल्या की उस अपील को भी खारिज कर दिया है, जिसमें उन पर अपने समूह की कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड (यूबीएल) सहित अन्य सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल होने पर रोक के सेबी के फैसले को चुनौती दी गई थी। सैट ने माल्या को सेबी के समक्ष व्यक्तिगत रूप या अपने कानूनी रूप से अधिकृत प्रतिनिधि के जरिये सेबी के समक्ष पेश होने और 21 दिन के भीतर अपनी दलील रखने को कहा है, जिससे नियामक उन पर जनवरी में पारित अंतरिम आदेश के जरिये लगाए गए अंकुशों में ढील देने पर विचार कर सके।
माल्या पर यह प्रतिबंध कथित रूप से उनकी पूर्ववर्ती फ्लैगशिप कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स में धन को इधर-उधर करने के लिए लगाया गया था। सैट ने अपने 25 पृष्ठ के आदेश में कहा है, इसके मद्देनजर सेबी को इसपर विचार करते हुए मामले पर आगे बढ़ना चाहिए और तेजी से कदम उठाते हुए अंतिम आदेश पारित करने चाहिए। नियामक को कानून के तहत इस मामले में चार महीने के भीतर निर्णय देना चाहिए। न्यायाधिकरण ने कहा कि यदि सेबी को लगता है कि इस बारे में माल्या का जवाब उपयुक्त है तो नियामक कानून के तहत इन अंकुशों पर जल्द से जल्द ढील देने के लिए स्वतंत्र है।