नई दिल्ली। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) ने वन लाइफ कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड से सहारा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के लिए नए सिरे से आवेदन करने को कहा है। सैट ने वन लाइफ कैपिटल एडवाइर्जस लिमिटेड को 10 मई तक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के पास आवेदन कर इस अधिग्रहण के लिए मंजूरी लेने को कहा है। न्यायाधिकरण के 3 मई के आदेश में कहा गया है कि वन लाइफ कैपिटल एडवाइजर्स को 10 मई 2018 या उससे पहले सहारा एसेट मैनेजमेंट कंपनी में 100 प्रतिशत इक्विटी पूंजी के अधिग्रहण की प्रायोजक होने की मंजूरी को सेबी के पास नया आवेदन करना होगा।
पिछले महीने न्यायाधिकरण ने सहारा समूह को सेबी के उस आदेश के खिलाफ याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी थी, जिसमें सहारा म्यूचुअल फंड को अपनी योजनाओं को बंद करने का निर्देश दिया गया था। इससे पहले पिछले महीने सेबी ने सहारा एमएफ से अपनी सभी योजनाएं बंद करने को कहा था। इस आदेश के खिलाफ सहारा समूह ने न्यायाधिकरण में अपील की थी।
उल्लेखनीय है कि सेबी ने सहारा समूह की दो इकाइयों को निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपए लौटाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद से वह नियामक के साथ कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ है।
जुलाई 2015 में सेबी ने सहारा एमएफ का पंजीकरण रद्द किया था। सेबी के आदेश को सहारा म्यूचुअल फंड ने न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी। न्यायाधिकरण ने कंपनी को उच्चतम न्यायालय जाने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था। उच्चतम न्यायालय ने सहारा एमएफ की अपील को अक्टूबर 2017 में खारिज कर दिया था। इसके बाद सेबी ने सहारा एमएफ को उसके जुलाई 2015 के आदेश की समयसीमा का कड़ाई से अनुपालन करने को कहा था। पिछले महीने सेबी ने अपने पहले के आदेश को संशोधित किया था।