त्रिपुरा। असम सरकार ने अपने दो लाख कर्मचारियों के वेतन संरचना में संशोधन करने की घोषणा की है। वेतन में यह वृद्धि 1 अक्टूबर 2018 से प्रभावी होगी। राज्य सरकार का दावा है कि वेतन में यह वृद्धि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक की गई है।
मुख्यमंत्री बिपलब कुमार देब ने यहां पत्रकारों को बताया कि संशोधित पे स्केल को असम के पूर्व मुख्य सचिव पीपी वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति ने अपनी सिफारिशें सरकार को पिछले हफ्ते शुक्रवार को सौंपी थीं और सरकार ने मंगलवार को विशेष कैबिनेट मीटिंग में इन्हें स्वीकार करने की अनुमति दी।
भाजपा ने विधान सभा चुनावों से पहले कर्मचारियों से 7वें वेतन आयोग को लागू करने का वादा किया था। पूर्ववर्ती वाम सरकार ने सरकारी खजाने पर 11,000 करोड़ रुपए का बोझ छोड़ा था। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने कर्मचारियों की मांग को पूरा किया है। देब ने कहा कि कठोर परिस्थितियों में हम अपने वादों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के लिए 9 प्रतिशत डीए अभी भी लंबित है। संशोधित वेतनमान के मुताबिक, एंट्री लेबल पर ग्रुप-सी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए प्रति माह होगा और ग्रुप डी कर्मचारियों के लिए यह 16,000 रुपए मासिक होगा।
उप मुख्यमंत्री जिश्नु देववर्मा ने कहा कि संशोधित वेतनमान के तहत फिक्स्ड पे कर्मचारियों को रेगूलर कर्मचारियों के बराबर लाभ मिलेंगे। देववर्मा के पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है। पेंशनर्स को अब 8,000 रुपए की न्यूनतम पेंशन प्रति माह और अधिकतम 1,07,450 रुपए प्रति माह होगी।