नई दिल्ली। सहारा प्रमुख सुब्रत राय की जेल से रिहाई के लिए पैसे जुटाने में लगी सहारा ग्रुप सेबी के पास जमा कराए गए अपने दस्तावेज वापस लेगी। कंपनी ने तीन साल पहले एक दो नहीं बल्कि कुल 128 ट्रकों में ये कागज सेबी के दफ्तर के सामने हाजिर किए थे। निवेशकों को रिफंड करने के लिए सहारा द्वारा जमा किए गए पैसे पर सेबी को 41 करोड़ रुपए का ब्याज मिलने के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है। निवेशकों के वेरिफिकेशन के लिहाज से महत्वपूर्ण इन दस्तावेजों के रखरखाव पर सेबी ने भारी-भरकम रकम खर्च की है, जिसके एवज में रेगुलेटर को ब्याज से होने वाली कमाई मिली है।
31,000 से अधिक बक्सों में सहारा ने भेजे थे दस्तावेज
अदालत ने सहारा को निवेशकों के सभी दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए सेबी के पास जमा कराने का निर्देश दिया था ताकि उनका वेरिफिकेशन कर निवेशकों को पैसा लौटाया जा सके। इस आदेश का पालन करते हुए सहारा ने 31,000 से अधिक बक्सों से भरे दस्तावेज सेबी को के पास भेजे थे, जिनके रखरखाव के लिए सेबी को विशेष गोदाम किराए पर लेना पड़ा। रेगुलेटर ने बाद में इन दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी बनवाई ताकि उन्हें आसानी से देखा जा सके। इन दस्तावेजों को रखने से जुड़ी बढ़ती लागत के बीच सहारा ने इन दस्तावेजों को वापस मांगा है क्योंकि सेबी मूल कागजातों का डिजिटलीकरण करा चुका है।
सेबी तैयार लेकिन सुरक्षित कस्टडी की गारंटी ले कंपनी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रेगुलेटर मूल दस्तावेजों को लौटाने पर राजी है बशर्ते इन्हें सहारा डबल लॉकिंग प्रणाली के तहत सुरक्षित कस्टडी में रखे। उन्होंने कहा कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। संपर्क किए जाने पर सहारा के एक प्रवक्ता ने यह पुष्टि की कि ग्रुप ने इन दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए व्यवस्था पर काम करना शुरू कर दिया है। उसने कहा कि सेबी ने पिछले 40 महीनों में सहारा के निवेशकों को केवल 50 करोड़ रुपए रिफंड किए हैं। सहारा प्रवक्ता ने कहा, देश में 144 समाचार पत्रों के जरिए चार बार विग्यापन प्रकाशित करने के बाद सेबी को केवल 52 करोड़ रुपए के लिए दावे प्राप्त हुए, जबकि सेबी के पास सेबी-सहारा खाते में हमारा 12,000 करोड़ रुपए (ब्याज आय सहित) पड़ा है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में सहारा को सेबी के पास 24,000 करोड़ रुपए से अधिक की वह राशि जमा करने का आदेश दिया था जो कंपनी ने कुछ बांडों के निर्गम के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए थे।