नई दिल्ली। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर मिली है। रूस के सॉवरेन वैल्थ फंड रशियन डॉयरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड यानि RDIF ने भारत की डॉ रेड्डीज लैब के साथ एक खास करार किया है। करार के तहत रूस द्वारा डेवलप की जा रही स्पूतनिक वैक्सीन के भारत में ट्रायल और डिस्ट्रीब्यूशन का कार्य डॉ रेड्डीज लैब करेगी।
भारत को मिलेंगी कितनी डोज़
इस समझौते के तहत RDIF देश में 10 करोड़ वैक्सीन की डोज़ की सप्लाई करेगी। RDIF इसके साथ 4 अन्य भारतीय कंपनियों के साथ बात कर रही है जो भारत में इन वैक्सीन का उत्पादन करेंगी।
कब तक भारत में मिलेगी वैक्सीन
कंपनी के मुताबिक फिलहाल इसे भारत में जरूरी मंजूरी मिलना बाकी है, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में वैक्सीन के नवंबर और दिसंबर में भारत में उपलब्ध होने का अनुमान दिया गया है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक RDIF के वरिष्ठ अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि अगर सभी बाते योजना के अनुसार रहेंगी तो भारत में इसी साल नवंबर तक स्पूतनिक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। कंपनी ने साफ किया कि वैक्सीन जिस प्लेटफॉर्म पर विकसित की गई है, उस पर परीक्षण दशकों से जारी था और वो तकनीक 250 क्लीनिकल स्टडी पर खरी उतरी है। इन स्टडीज के मुताबिक इन सभी परीक्षणों में प्लेटफॉर्म सुरक्षित पाया गया है और इसका कोई लंबी अवधि का नकारात्मक असर नहीं है।
कहां पहुंचा वैक्सीन का ट्रायल
वहीं डॉ रेड्डीज ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि वैक्सीन को लेकर ट्रायल के फेज 1 और 2 के परिणाम अच्छे रहे हैं। वहीं कंपनी भारत में इसके तीसरे फेज के लिए परीक्षण शुरू करेगी, जिससे भारत में जरूरी मंजूरी मिल सके। उम्मीद है कि तीसरे फेज के लिए परिणाम अक्टूबर नवंबर में जारी कर दिए जाएंगे। जिसके बाद मंजूरी मिलने पर डिस्ट्रीब्यूशन का काम शुरू कर दिया जाएगा। पहले और दूसरे फेज के परिणाम में कोरोना वायरस से निपटने के पूरे सबूत मिले हैं।