मुंबई। लगातार सुधार की प्रगति बनाए रखते हुए रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 34 पैसे मजबूत होकर 71.97 पर बंद हुआ। यह रुपए का दो महीने का उच्च स्तर है। विदेशी पूंजी के प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी को रुपए में मजबूती की वजह माना जा रहा है। डीलर का कहना है कि निर्यातकों और बैंको द्वारा डॉलर की बिक्री करने से भी रुपए को मजबूती मिली है।
ब्रिटिश पाउंड आज 1.5 प्रतिशत से ज्यादा टूट गया। प्रधानमंत्री टेरेसा मे के ब्रेक्जिट सौदे पर हस्ताक्षर करने के बाद ब्रिटेन के चार मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद पाउंड में जोरदार गिरावट आई। हालांकि यूरो दो माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में आज रुपया 72.04 के स्तर पर खुला और यह 71.87 तक मजबूत हुआ। इसने आज 72.18 का निम्न स्तर छुआ और अंत में 34 पैसे मजबूत होकर 71.97 पर बंद हुआ। 14 सितंबर को रुपए ने 72 के स्तर को पार किया था, तब यह 71.84 पर बंद हुआ था।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में 72.31 पर बंद हुआ था। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका के 10 साल वाले बांड की यील्ड में कमी आने के साथ ही साथ घरेलू बाजार में एफआईआई का निवेश धीरे-धीरे बढ़ने और तेल की कीमतों में नरमी आने से भारतीय रुपए में मजबूती आई है।
ब्रेंट क्रूड भी आज 66.63 डॉलर प्रति बैरल पर आज कारोबार करते देखा गया। गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2,043.06 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की। बीएसई सेंसेक्स गुरुवार को 119 अंक की तेजी के साथ 35,260 अंक पर बंद हुआ।