मुंबई। अमेरिका और चीन के व्यापार संबंधों में तनाव कम होने की उम्मीद बढ़ने और फेडरल रिजर्व के नरम मौद्रिक रुख के चलते सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे की मजबूती के साथ 69.68 पर बंद हुआ। वैसे रुपया शुरुआती कारोबार में अधिक मजबूत चल रहा था। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार के कारोबारियों के अनुसार घरेलू शेयर बाजारों तेजी और अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर होने से रुपया को समर्थन मिला है।
डॉलर के मुकाबले घरेलू मुद्रा में लगातार दूसरे दिन मजबूत रुख देखा गया और यह चार पैसे सुधर कर 69.68 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। शुक्रवार को रुपया 48 पैसे के उछाल के साथ 69.72 पर बंद हुआ था।
सोमवार को बाजार 69.38 प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान रुपया मजबूत होकर एक समय 69.23 तक पहुंच गया। कारोबारियों के अनुसार निर्यातकों ने डॉलर की बिकवाली तेज कर रखी थी।
कारोबारियों ने कहा कि रुपए में तेजी का मुख्य कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से मिला इस तरह का संकेत है कि वह ब्याज दर के कार्यक्रम पर इस साल ब्रेक लगाएगा।
सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि स्पष्ट तौर पर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि के अंतिम स्तर तक पहुंच गया है और अब उसके तटस्थ नीति के ओर बढ़ने के कदम का 2019 में वित्तीय बाजारों में स्वागत होगा। इससे एशियाई और अमेरिकी बाजारों में सकारात्मक धारणा देखने को मिली है।
इसके अलावा दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के अपने प्रशुल्क युद्ध का समाधान करने पर रुचि दिखाने से वैश्विक बाजारों पर सकारात्मक असर था। दोनों देशों के प्रतिनिधि इसके समाधान के लिए सोमवार और मंगलवार को बैठक करने वाले हैं।
इस बीच ब्रेंट कच्चे तेल का भाव 2.45 प्रतिशत बढ़कर 58.46 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इसी बीच घरेलू संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 240.60 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि विदेशी निवेशकों ने 157.72 करोड़ रुपए के शेयरों की बिक्री की।