मुंबई। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का रुख दूसरे दिन भी जारी रहा और गुरुवार को यह दो पैसे गिरकर 70.20 पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार इस गिरावट की अहम वजह व्यापार घाटे को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच विदेशी कोष की भारी निकासी होना है। इसी बीच येन के कई साल के उच्च स्तर पर पहुंचने से वैश्विक मुद्रा बाजार में भी भारी गिरावट देखी गई है।
मुद्रा कारोबारियों के अनुसार घरेलू राजकोषीय घाटे को लेकर बढ़ती चिंताओं, कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और विदेशी पूंजी की भारी निकासी से रुपए पर दबाव बढ़ा है। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 70.30 पर नरम खुला और दिन में इसकी विनिमय दर 70.53 रुपए प्रति डॉलर तक गिर गई थी।
हालांकि, बाद में रुपए में हल्का सुधार हुआ और अंत में यह पिछले दिन के बंद से दो पैसे घटकर 70.20 पर टिका। बुधवार को भारतीय मु्द्रा डॉलर के मुकाबले 75 पैसे टूटकर 70.18 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुई थी।
सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि सरकार की किसानों को प्रस्तावित राहत पैकेज को लेकर राजकोषीय चिंताए उभरने लगी हैं। इससे 10 साल की परिपक्वता वाली सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल 20 पैसे बढ़ गया।
वैश्विक बाजार में ब्रेंट कच्चा तेल 0.55 प्रतिशत बढ़कर 55.21 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था। आरंभिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने गुरुवार को पूंजी बाजार से 972.81 करोड़ रुपए की निकासी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 34.52 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। बीएसई सेंसेक्स गुरुवार को 377 अंक घटकर 35,513.71 और एनएसई निफ्टी 120.25 अंक टूटकर 10,672.25 अंक पर बंद हुआ।