नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी और विदेशों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती के चलते रुपये ने मंगलवार को शुरुआती बढ़त गंवा दी और कारोबार के अंत में नौ पैसे की गिरावट के साथ 72.55 (अनंतिम) के स्तर पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय इकाई अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 72.46 पर खुली और दिन के कारोबार के दौरान 72.37 ऊपरी स्तर और 72.64 के निचले स्तर तक गई। अंत में रुपया पिछले बंद के मुकाबले नौ पैसे की गिरावट के साथ 72.55 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया सोमवार को 72.46 पर बंद हुआ था।
शेयरखान, बीएनपी परिबा के शोध विश्लेषक सैफ मुकादम ने कहा कि वैश्विक स्तर पर डॉलर की मजबूती और घरेलू शेयर बाजार के कमजोर रुख के चलते रुपये में गिरावट आई। इसके अलावा निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों के कारण भी रुपया कमजोर हुआ। प्रमुख केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीति बैठकों से पहले बाजार सतर्क रुख अपना रहा है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के चलते रुपये को कुछ राहत मिली।
जर्मनी, फ्रांस और इटली के बाद दूसरे यूरोपीय देशों द्वारा कोविड-19 की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर प्रतिबंध लगाने के चलते कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिन डॉलर:रुपया विनिमय दर 72.25 से 73.00 के बीच रह सकती है।
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत बढ़कर 91.87 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 1.51 प्रतिशत गिरकर 67.84 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 1,101.35 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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