नई दिल्ली। भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी चलाने वाली कंपनी एस्सार ऑयल पर अब रूस का कब्जा होगा। अरबपति भाई शशि और रवि रुइया ने अपने ग्रुप की कंपनी एस्सार ऑयल में 98 फीसदी हिस्सेदारी रूस की प्रमुख ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट और ऑयल ट्रेडिंग कंपनी ट्रैफीगुरा (Trafigura) और यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स को बेचने की घोषणा की है।
यह पूरा सौदा नकद में होगा। रुइया बंधुओं को एस्सार ऑयल की रिफाइनिंग और रिटेल आउटलेट्स संपत्ति की बिक्री से 72,800 करोड़ रुपए और आसन्न वाडिनार बंदरगाह और संबंधित बुनियादी सुविधाओं की बिक्री से 13,300 करोड़ रुपए मिलेंगे।
एस्सार ऑयल भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी, जो गुजरात के वाडिनार में स्थित है, का संचालन करती है। इसकी क्षमता 2 करोड़ टन प्रति वर्ष है। कंपनी के पास 1010 मेगावाट का कैप्टिव पावर प्लांट और 2700 चलते हुए पेट्रोल पंप का रिटेल नेटवर्क भी है।
एस्सार ऑयल अपनी 49 फीसदी हिस्सेदारी रूस की रोजनेफ्ट ऑयल कंपनी को बेचेगी। शेष 49 फीसदी हिस्सेदारी ट्रेफीगुरा और यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स के कंसोर्टियम केसानी एंटरप्राइजेज कंपनी लिमिटेड को बेची जाएगी। इस सौदे की घोषणा शनिवार को गोवा में की गई, जहां ब्रिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।