कोलकाता। एयर इंडिया को खरीदने की दौड़ में टाटा समूह के बाद अब एक और बड़ा औद्योगिक घराना रुइया समूह शामिल हो गया है। रुइया औद्योगिक घराने को यकीन है कि एयर इंडिया की खरीद के लिए बोली लगाने में उसे शुद्ध परिसंपत्ति की कसौटी पर खरा उतरने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इस मामले के जानकार सूत्रों ने यह बात बृहस्पतिवार को बतायी। रुइया समूह ने सरकारी क्षेत्र की इस एयरलाइन की शत प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए रुचि-पत्र प्रस्तुत किया है।
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3500 करोड़ रुपय की शुद्ध परिसम्पत्ति की शर्त
सरकार द्वारा तय शर्त के अनुसार इस एयरलाइन के लिए बोली लागने वाले के पास कम से कम 3500 करोड़ रुपय की शुद्ध परिसम्पत्ति होनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि रुइया घराने को यकीन है कि इस शर्त को पूरा करने में उसे कोई दिक्कत नहीं होगी। सूत्रों ने बताया कि रुइया समूह ने रुचि-पत्र (ईओआई) के साथ अपनी जिन सम्पत्तियों का विवरण दिया है उनमें डनलप,फाल्कन और जेस्सप एंड कंपनी की सम्पत्तियां शामिल नहीं है।
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वित्तीय संकट से उबरने का विशेषज्ञ है रुइया समूह
घाटे ओर कर्ज में फंसी एयर इंडिया को खरीदने की दौड़ में टाटा समूह और एयर इंडिया के कर्मचारियों का समूह भी शामिल है। रुइया समूह के पूर्व चेयरमैन पवन रुइया को कंपनियों को वित्तीय संकट से उबरने का विशेषज्ञा माना जाता है। इस मामले में डनलप इंडिया, फैलकान टायर्स और जेस्सप एंड कंपनी को बहुत जल्दी वित्तीय संकट से उबार कर पटरी पर लाने का उदाहरण दिया जाता है।
अदालती पचड़ों में उलझा है समूह
एयर इंडिया के लिए रुइया घराने की चाल अप्रत्याशित रही है। समूह यह दाव ऐसे समय लगा रहा है जबकि उपरोक्त तीन कंपनियों के अधिग्रहण के बाद बैंकों ने उससे कर्जों की मांग शुरू कर दी है और समूह अदालती पचड़ों में उलझा है।