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बाबा रामदेव ने किया ऐलान, रुचि सोया में प्रवर्तकों की हिस्‍सेदारी घटाने के लिए अगले साल पेश होगा FPO

रुचि सोया ने बताया था कि जुलाई-सितंबर में उसका राजस्व 28.09 प्रतिशत बढ़कर 3990.72 करोड़ रुपए रहा। इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 54.88 प्रतिशत बढ़कर 126.73 करोड़ रुपए रहा।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 17, 2020 8:34 IST
योग गुरु बाबा रामदेव एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए। (चित्र प्रतीकात्‍मक) - India TV Paisa
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योग गुरु बाबा रामदेव एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए। (चित्र प्रतीकात्‍मक)

नई दिल्‍ली। पतंजलि आयुर्वेद के स्‍वामित्‍व वाली तेल कंपनी रुचि सोया अगले साल अपना अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) पेश करेगी। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि इसका मसकद कंपनी के प्रवर्तकों की शेयरधारिता को नीचे लाना है। पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। रामदेव ने कहा कि उसके बाद से कंपनी सही तरीके से काम कर रही है और चालू वित्त वर्ष में ऊंची वृद्धि की उम्मीद है। पिछले साल पतंजलि ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया का अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपये में किया था।

कंपनी के प्रवर्तकों की अभी कंपनी में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूचीबद्ध कंपनी होने के नाते रुचि सोया के प्रवर्तकों को अपनी शेयरधारिता कम करनी होगी ताकि न्यूनतम 25 प्रतिशत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के नियम का अनुपालन किया जा सके। रामदेव ने कहा कि हम अगले साल एफपीओ लाने जा रहे हैं। यह कंपनी में हमारी शेयरधारिता को कम करेगा। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमानुसार कंपनी के प्रवर्तकों को जून 2021 तक अपनी 10 प्रतिशत शेयरधारिता कम करनी होगी और 25 प्रतिशत तक हिस्‍सेदारी 36 महीनों के भीतर कम करनी होगी। इस संबंध में कंपनी का निदेशक मंडल प्रस्ताव मंजूर कर चुका है। हालांकि रामदेव ने प्रस्तावित एफपीओ के आकार को लेकर कोई घोषणा नहीं की। 

पिछले हफ्ते रुचि सोया ने बताया था कि जुलाई-सितंबर में उसका राजस्‍व 28.09 प्रतिशत बढ़कर 3990.72 करोड़ रुपए रहा। इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 54.88 प्रतिशत बढ़कर 126.73 करोड़ रुपए रहा। वित्‍त वर्ष 2019-20 में रुचि सोया का कुल राजस्‍व 13,117.79 करोड़ रुपए था।

पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद ने दिवालिया हो चुकी रुचि सोया का अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपए में पूरा किया था। यह अधिग्रहण पतंजलि आयुर्वेद, दिव्‍य योग मंदिर ट्रस्‍ट (इसकी कारोबारी इकाई दिव्‍य फार्मेसी), पतजंलि परिवहन और पतंजलि ग्रामोद्योग न्‍यास के कंसोर्टियम द्वारा किया गया। बाबा रामदेव ने कहा कि यह अधिग्रहण पतंजलि ग्रुप के लिए चुनौतीपूर्ण था लेकिन फ‍िर भी हमनें इसमें सफलता प्राप्‍त की।  

बिजनेस इंटेलीजेंस प्‍लेटफॉर्म टॉफ्लर द्वारा उपलब्‍ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद का वित्‍त वर्ष 2019-20 में शुद्ध लाभ 21.56 प्रतिशत बढ़कर 424.72 करोड़ रुपए था। वित्‍त वर्ष 2019-20 में परिचालन से आय 9022.71 करोड़ रुपए थी, जो पिछले वित्‍त वर्ष के 8,522.68 करोड़ रुपए की तुलना में 5.86 प्रतिशत ज्‍यादा है।  

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