मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि आरटीजीएस के जरिये बड़ी राशि के अंतरण की सुविधा 26 अगस्त से सुबह 8 बजे के बजाय 7 बजे से उपलब्ध होगी। फिलहाल ग्राहकों के लेन-देन के लिये रीयल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) प्रणाली सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होती है। बैंकों के बीच लेन-देन के लिये सुबह 8 बजे से शात 7.45 मिनट तक उपलब्ध होती है।
आरबीआई ने अधिसूचना में कहा कि आइटीजीएस प्रणाली की उपलब्धता बढ़ाने के लिये आरटीजीएस परिचालन के लिये समय अवधि बढ़ाने का निर्णय किया गया है। इसके तहत ग्राहकों तथा बैंकों के लिये यह सुबह 7 बजे से शुरू होगा। यह व्यवस्था 26 अगस्त से लागू होगी।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने डिजिटल लेन-देन बढ़ाने के लिये इस साल दिसंबर से नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिये 24 घंटे धन भेजने की अनुमति देने का फैसला किया था। फिलहाल एनईएफटी दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर ग्राहकों के लिये सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक के लिये उपलब्ध है। एनईएफटी के तहत जहां दो लाख रुपये तक की राशि भेजी जाती है वहीं इससे अधिक राशि भेजने के लिये आरटीजीएस का उपयोग किया जाता है।
ये है RTGS और NEFT ट्रांजैक्शन में अंतर
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी आरटीजीएस और नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर यानी एनईएफटी, दोनों ही ऑनलाइन पेमेंट का जरिया हैं जिसके तहत आप अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इन दोनों पेमेंट सिस्टम्स को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) मैनेज करता है। इनके जरिए सिर्फ देश के अंदर ही पैसे भेज सकते हैं। आरटीजीएस में फंड ट्रांसफर तुरंत हो जाता है। यह बैंकों के बीच फंड ट्रांसफर करने का देश का सबसे तेज माध्यम है। नियम है कि जिस बैंक को पैसा भेजा गया है उसे प्राप्तकर्ता के अकाउंट में 30 मिनट के अंदर पैसे क्रेडिट करना होता है। वहीं, एनईएफटी के तहत पैसे तुरंत ट्रांसफर नहीं हो पाते। इस सिस्टम में घंटे के हिसाब से टाइम स्लॉट में काम होता है। इसमें आपको 2 से 3 घंटे और कभी-कभी उससे भी ज्यादा का वक्त लग सकता है।