नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि दो लाख रुपये से अधिक राशि भेजने के लिए उपयोग होने वाली RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) सर्विस शनिवार की मध्य रात्रि से 14 घंटे के लिए उपलब्ध नहीं होगी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरटीजीएस सिस्टम के डिजास्टर रिकवरी समय को और बेहतर बनाने के लिए इसका टेक्नीकल अपग्रेडेशन किया जा रहा है, इसलिए यह सर्विस 14 घंटे के अनुपलब्ध रहेगी।
केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों को असुविधा से बचाने के लिए कहा है कि 2 लाख रुपये तक के लेन-देन के लिए उपयोग होने वाले लोकप्रिय नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) पहले की तरह काम करता रहेगा। रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि 17 अप्रैल 2021 को कारोबार की समाप्ति के बाद, आरटीजीएस प्रणाली की क्षमता को बेहतर बनाने तथा डिजास्टर रिकवरी (आपदा सुधार) समय को और बेहतर बनाने के लिए आरटीजीएस को तकनीकी रूप से उन्नत किया जाएगा। बयान के अनुसार अत: आरटीजीएस सेवा 18 अप्रैल 2021, को 00:00 बजे (शनिवार रात) से 14.00 बजे (रविवार तक) तक उपलब्ध नहीं होगी।
आरबीआई ने कहा कि सदस्य बैंक अपने ग्राहकों को इसके अनुसार अपने भुगतान संचालन की योजना के लिए सूचित कर सकते हैं। आरटीजीएस सुविधा पिछले साल 14 दिसंबर से 24 घंटे उपलब्ध है। इसके साथ भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जहां यह सुविधा 24 घंटे काम करती है।
बिहार के सहकारी बैंक पर लगा जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक ने बिहार के एक सहकारी बैंक पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना नोटबंदी के दौरान केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) पर जारी निर्देशों और चलन से हटाए गए नोटों को बदलने से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है। सरकार ने नवंबर 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी।
आरबीआई ने नोटों को बदलने को लेकर दिशानिर्देश और समयसीमा जारी की थी। केंद्रीय बैंक ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि उसने बिहार अवामी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर नोटबंदी के दौरान केवाईसी पर जारी निर्देश और चलन से हटाए गए रुपये को बदलने से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है। उसने कहा कि सहकारी बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी प्रदान किया गया। इसके जवाब में द बिहार अवामी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने लिखित जवाब दिया। मामले के तथ्यों और बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद, रिजर्व बैंक ने यह पाया कि नियमों का उल्लंघन हुआ है और इसके लिए बैंक पर दंड लगाना आवश्यक है।
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