नई दिल्ली। घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर और बिल्डर्स के लिए बुरी खबर आई है। रियल एस्टेट सेक्टर को रेगूलेट करने, सेक्टर में पारदर्शिता लाने और घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने वाला रियल एस्टेट (रेगूलेशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2015 गुरुवार को राज्य सभा में पास हो गया। शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने बताया कि रियल एस्टेट (रेगूलेशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2015 राज्य सभा में पास हो चुका है, इसका लक्ष्य घर खरीदारों के हितों की रक्षा करना और पारदर्शिता लाना है।
इसके लागू होने से देश में फ्लैटों की गुणवत्ता से लेकर तय वक्त पर घर देने के लिए रियल एस्टेट कंपनियां मजबूर होंगी, जिसका सीधा फायदा घर खरीदने वालों को मिलेगा। राज्य सभा में केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री वेंकैया नायडू ने बिल पेश किया। बिल में कहा गया है कि हर राज्य में एक रियल एस्टेट रेगूलेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो सभी प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग करेंगे और ग्राहक उनसे सीधे शिकायत कर पाएंगे। शिकायतों की सुनवाई रेगूलेटर द्वारा की जाएगी।
वेबसाइट पर देनी होगी हर जानकारी
इस बिल से रिलय एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी। प्रोजेक्ट लॉन्च होते ही बिल्डर्स को प्रोजेक्ट से संबंधित पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होगी। इसमें प्रोजेक्ट के अप्रूवल्स के बारे में भी बताना होगा। साथ ही प्रोजेक्ट में रोजाना होने वाले अपडेट के बारे में भी सूचित करना होगा।
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भ्रामक विज्ञापन पर सजा
बिल के तहत 500 स्क्वायर मीटर एरिया या आठ फ्लैट वाले प्रोजेक्ट को भी रेगूलेटरी अथॉरिटी के साथ रजिस्टर कराना होगा। पहले 1000 स्क्वायर मीटर वाले प्रोजेक्ट ही नियम के दायरे में आते थे। अब बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी प्रोजेक्ट लॉन्च नहीं हो सकेगा और न ही बिल्डर उसका विज्ञापन निकाल सकेंगे। इस बिल में भ्रामक विज्ञापन पर सजा का भी प्रावधान किया गया है।
रियल एस्टेट बिल 2015 की मुख्य बातें
- ग्राहक से लिए गए एडवांस पैसे का 70% अलग अकाउंट में जमा करना होगा
- हाउसिंग ही नहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी पर भी लागू होंगे नए नियम
- सभी राज्यों में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाएगा
- अथॉरिटी के साथ बिल्डरों और रियल एस्टेट एजेंटों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
- प्रोजेक्ट के जल्द क्लियरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाएगा
- उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई की प्रक्रिया तेज होगी
- प्लान में बदलाव से पहले दो तिहाई खरीदारों की मंजूरी जरूरी होगी
- बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी प्रोजेक्ट लांच नहीं हो सकेगा और ना ही बिल्डर उसका विज्ञापन निकाल सकेंगे
- भ्रामक विज्ञापन पर सजा का प्रावधान भी होगा
- नियमों की उल्लंघन पर बिल में बिल्डरों के लिए तीन साल की सजा का भी प्रावधान है
- इस बिल के प्रावधानों के लागू होने से बिल्डरों के लिए खऱीदारों से मिले पैसों का इस्तेमाल दूसरे प्रोजेक्ट में करना मुश्किल हो जाएगा