नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 8,100 करोड़ रुपए के बैंक ऋण धोखाधड़ी के मामले में शुक्रवार को विशेष अदालत में याचिका दायर कर गुजरात की स्टर्लिंग बायोटेक के मालिकों को नए कानून के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की है। ईडी की याचिका पर दिल्ली की अदालत ने स्टर्लिंग बायोटेक के मालिकों को नोटिस जारी कर दिया है।
ईडी अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष याचिका दायर की है। एजेंसी ने नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, दीप्ति संदेसरा और हितेश पटेल को इस साल लाए गए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम की धारा चार के तहत भगोड़ा घोषित करने की मांग की है।
केंद्र सरकार बैंकों के साथ धोखाधड़ी और इस तरह के अन्य अपराधों पर रोक लगाने के लिए इस साल यह कानून लाई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 8,100 करोड़ रुपए के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में आपराधिक जांच से बचने के लिए स्टर्लिंग समूह के सभी चार प्रवर्तक देश छोड़कर फरार हो गए।
एजेंसी ने भगोड़ा कानून के तहत वडोदरा स्थित कारोबारी परिवार की 5,000 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति की जब्ती की अनुमति देने का भी अदालत से आग्रह किया है। एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में पीएमएलए के तहत इन मामले में ताजा आरोपपत्र दायर किया था। इसमें ईडी ने सभी प्रवर्तकों पर धनशोधन एवं बैंक ऋण धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं।
खबरों के मुताबिक संदेसरा परिवार के लोग अभी नाइजीरिया में हैं, वहीं बताया जाता है कि पटेल अमेरिका में है। उन्होंने कहा कि एजेंसी उनके प्रत्यर्पण के लिए भी जल्द ही कदम उठाएगी। ईडी ने नए कानून के तहत विजय माल्या और नीरव मोदी एवं मेहुल चोकसी के खिलाफ भी इसी तरह का कदम उठाया है।