नई दिल्ली। सरकार ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि योजना के निष्क्रिय पड़े एकाउंट में तकरीबन 43,000 करोड़ रुपए की राशि जमा है और ऐसे एकाउंट पर भी अब सरकार ब्याज देगी। श्रम व रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोकसभा में बताया कि 2015-16 में ईपीएफओ द्वारा 118.66 लाख दावों का निपटारा किया गया, जिसमें से 98 फीसदी मामलों का निपटारा 20 दिन के भीतर किया गया।
प्रश्नकाल के दौरान दत्तात्रेय ने कहा कि निष्क्रिय ईपीएफ एकाउंट में तकरीबन 43,000 करोड़ रुपए की राशि जमा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में यह निर्णय लिया गया है कि इन निष्क्रिय एकाउंट में भी ब्याज जमा किया जाएगा। निष्क्रिय और लावारिस खातों पर भ्रम की स्थिति पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने एक सदस्य एक ईपीएफ एकाउंट कार्यक्रम की शुरुआत की है। ईपीएफओ ने पोर्टेबिलटी और पहले के सभी खातों को एक ही खाते में समाहित करने के लिए यूनिवर्सल एकाउंट नंबर जारी किए हैं। 2015-16 में 118.66 लाख दावों का निपटारा ईपीएफओ द्वारा किया गया, जबकि 2014-15 में यह आंकड़ा 130.21 लाख और 2013-14 में 123.36 लाख था। मंत्री के मुताबिक 2015-16 में 1.18 लाख दावे निपटान के लिए लंबित बचे हैं।
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असंगठित क्षेत्र पर पूछे एक सवाल पर दत्तात्रेय ने कहा कि इस क्षेत्र में सरकार निर्माण श्रमिकों को प्राथमिकता दे रही है। उन्हें यूएएन दिए जाएंगे जिससे वे लाभ हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा ऑटो रिक्शा ओर रिक्शा चालकों के लिए दिल्ली और हैदराबाद में एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता की सूची में दूसरे स्थान पर आंगनवाड़ी, मिड-डे भोजन योजना और आशा वर्कर हैं। दत्तात्रेय ने बताया कि ऑनलाइन ट्रांसफर क्लेम पोर्टल भी शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों के आधार या पैन नंबर को उनके यूएएन से जोड़ा जा चुका है और उनके नियोक्ता द्वारा इसे चालू कर दिया गया है, वह बिना अपने नियोक्ता के हस्ताक्षर के क्लेम फॉर्म को सीधे ईपीएफओ को पेश कर सकता है।