नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में उद्योग जगत ने भी बढ़चढ़ कर योगदान दिया है। कंपनियों द्वारा जताई गई कुल प्रतिबद्धता में से आधे से अधिक यानी 4,316 करोड़ रुपए का योगदान प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में दिया गया है। क्रियिल फाउंडेशन ने सीएसआर पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 113 कंपनियों ने नकद या अन्य रूप से सहायता का संकल्प जताया है। इनमें से 84 कंपनियों ने कुल 7,537 करोड़ रुपए का योगदान दिया है। यह खर्च सीएसआर के अंतर्गत माना जाएगा। इस कुल 7,537 करोड़ रुपए में से कंपनियों ने 4,316 करोड़ रुपए पीएम केयर्स फंड में दिए हैं, जबकि 3,221 करोड़ रुपए कोरोना वायरस से जुड़े अन्य राहत कार्यों में दिए गए।
पिछले महीने सरकार ने पीएम-केयर्स फंड से 3,100 करोड़ रुपए विभिन्न उपायों के लिए आबंटित करने की घोषणा की है। इसमें 2,000 करोड़ रुपए वेंटिलेटर की खरीद, 1,000 करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए तथा 100 करोड़ रुपए की मदद टीका विकास के लिए दी गई। क्रिसिल ने कहा कि उसने 130 कंपनियों के सामाजिक क्षेत्र पर व्यय का विश्लेषण किया। इसमें से 113 ने नकद या अन्य रूप से सहायता का संकल्प जताया। उनमें से 84 ने 7,537 करोड़ रुपए का योगदान दिया। इसे सीएसआर खर्च के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। शेष 29 कंपनियों ने 373 करोड़ रुपए अन्य कोष में दिए। 84 करोड़ रुपए का योगदान स्वैच्छिक दान के रूप में दिया गया जो सीएसआर खर्च की श्रेणी में नहीं आएगा।
निजी क्षेत्र की कंपनियां दान देने में आगे
इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष में भी योगदान देने की रिपोर्ट है। उसे सीएसआर खर्च के अंतर्गत नहीं रखा गया है। क्रिसिल रिपोर्ट के अनुसार खर्च करने वाली 84 इकाइयों में 67 प्रतिशत यानी 56 इकाइयां निजी क्षेत्र की हैं और कुल 7,537 करोड़ रुपए के योगदान में उनकी हिस्सेदारी दो तिहाई है। वहीं 24 कपनियां सार्वजनिक क्षेत्र की हैं और उनकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत रही। सात विदेशी कंपनिंयां हैं।
महाराष्ट्र की कंपनियों ने खोली तिजोरी
नकद में सहायता का संकल्प जताने वाली 84 कंपनियों में से 36 महाराष्ट्र से हैं। उनका योगदान 4,728 करोड़ रुपए रहा, जो 63 प्रतिशत है। उसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का स्थान रहा। दिल्ली की 13 कंपंनियों ने 17 प्रतिशत का योगदान दिया। जबकि नौ कंपनियां गुजरात की थी जिन्होंने 7,537 करोड़ रुपए में से 7 प्रतिशत का योगदान दिया।
आधी से कम कंपनियां करती है सीएसआर पर खर्च
रिपार्ट के अनुसार इन 84 कंपनियों में से 48 ने कोविड-19 के लिए कंपनी के स्तर पर खर्च किया न कि समूह स्तर पर। इनमें से 28 ने 2018-19 के कुल सीएसआर खर्च के मुकाबले आधे से अधिक व्यय किया। वहीं 16 कंपनियों ने 2018-19 के बराबर या उससे अधिक खर्च किया। कुल सूचीबद्ध 4,817 कंपनियों में से 1,976 अनिवार्य रूप से सीएसआर खर्च के मानदंड को पूरा करती हैं। इनमें से 1,276 वास्तविक रूप से खर्च करती हैं। वहीं 129 परियोजना की पहचान करने में कठिनाई का हवाला जैसे कारण देते हुए खर्च नहीं कर रहीं। 102 ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं किया है, जबकि 150 ने कहा कि उन्हें खर्च करने की जरूरत नहीं है।