नई दिल्ली। कोरोना संकट की वजह से आम लोगों पर कितना बड़ा आर्थिक संकट पड़ा है इसके संकेत पीएफ फंड से जुड़े आंकड़ों से मिल रहे हैं। ईपीएफओ के मुताबिक अप्रैल से जुलाई के बीच 80 लाख खाताधारकों ने अपने रिटायरमेंट फंड से 30 हजार करोड़ रुपये की निकासी की है। इसमें से 30 लाख सब्सक्राइबर्स ने कोविड महामारी से निपटने के लिए दी गई विशेष छूट के तहत 8 हजार करोड़ रुपये निकाले हैं। वहीं 50 लाख अन्य सब्सक्राइबर ने आम नियमों के तहत 22 हजार करोड़ रुपये की निकासी की है।
ईपीएफओ के मुताबिक अधिकांश रकम मेडिकल एडवांस के रूप में निकाली गई है। इपीएफओ का मानना है कि कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही कर्मचारियों के द्वारा रकम निकालने की रफ्तार भी आने वाले समय में बढ़ सकती है और पैसा निकालने वालों की संख्या बढ़कर 1 करोड़ को भी पार कर सकती है। अधिकारियों के मुताबिक एक झटके में इस रकम के बाहर जाने से फंड की 2000-21 की आय पर भी असर देखने को मिल सकता है। हालांकि इसका असर कितना होगा इसका पता करने में कुछ वक्त लगेगा।
सरकार ने लॉकडाउन शुरू होने के साथ एक विशेष कोविड विंडो का ऐलान किया था, जिसके तहत कर्मचारी अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए भी पीएफ से एक निश्चित सीमा तक रकम निकाल सकते हैं। विडों के मुताबिक कर्मचारी अपने खाते से अपने 3 महीने के वेतन के बराबर रकम की निकासी कर सकते हैं और इसे बाद में वापस करने की जरूरत नहीं होगी। ईपीएफओ 10 लाख करोड़ रुपये के पीएफ फंड का प्रबंधन करता है इसमें देश के करीब 6 करोड़ कर्मचारी और उनके नियोक्ता अनिवार्य योगदान करते हैं।