कोलकाता। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सोमवार को कहा कि देश भर के निर्यातक 25,000 करोड़ रुपए वापस किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। यह राशि जीएसटी नेटवर्क की ‘अक्षमता’ के कारण अटकी पड़ी है। उन्होंने कहा कि देश के निर्यातकों के तीन लाख आवेदन अटके हैं और उन्हें रिफंड का इंतजार है। कुल मिलाकर यह राशि 25,000 करोड़ रुपए है। जीएसटी परिषद के सदस्य मित्रा ने निर्यात सम्मेलन के दौरान यह बात कही।
मंत्री ने कहा कि जीएसटीएन स्वत: दावों का निपटान करती है लेकिन वह ऐसे करने में असमर्थ रही है और इसीलिए हाथों से सत्यापन पर भरोसा किया जा रहा है। इससे भारी संख्या में आवेदन एकत्रित हुए हैं और निर्यातकों की कार्यशील पूंजी पर असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि इन आवेदनों में से औसतन 35 से 40 प्रतिशत सत्यापन के लिये राज्यों के पास आ रहे हैं और स्थिति पश्चिम बंगाल में भी खराब है। पहले भी मित्रा जीएसटी के क्रियान्वयन के लिये खिलाफ रहे। उनका आरोप है कि बिना जरूरी ढांचागत सुविधा के इसे जल्दबाजी में लागू किया गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि वह जीएसटीएन के समक्ष मुद्दे को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य अगले तीन साल में निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य रखा है जो फिलहाल 9.15 अरब डॉलर है। इसके लिए जिला स्तर पर निर्यातकों के लिये बुनियादी ढांचा में सुधार के लिए कदम उठाने का फैसला किया गया है।