नई दिल्ली। मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिये राज्य विधानसभा में 2,41,375 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है और न ही किसी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री जगदीश को उम्मीद है कि राज्य सरकार सुधारों की शर्त पूरी कर चालू वित्त वर्ष में बाजार से राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के आधा प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज जुटाने की मंजूरी प्राप्त कर लेगी।
क्या है बजट की खास बातें
- भोपाल, इंदौर मेट्रो के लिए 262 करोड़ रुपये का प्रावधान
- प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
- एमबीबीएस की सीटें 2022-23 तक बढ़ाकर 3250 की जाएंगी।
- प्रदेश में 2441 नई सड़के बनाई जाएंगी।
- पीडब्लूडी के लिए 7341 करोड़ रुपये की व्यवस्था
- नर्मदा घाटी विकास के लिए 300 करोड़ रुपये
- 5 हजार करोड़ रुपये की 9800 योजनाएं
- शासकीय सेवकों को 75 प्रतिशत की बकाया राशि मिल सके इस संबंध में आदेश जल्द
बजट में घाटा 4.5 प्रतिशत रखने का अनुमान
वित्त मंत्री ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा चार प्रतिशत प्रस्तावित है एवं ऊर्जा क्षेत्र में अपेक्षित कतिपय सुधारों के करने पर इसको अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत बढ़ाने की स्वीकृत मिल सकती है। देवड़ा ने कहा,‘‘ हमें पूरा विश्वास है कि जो भी सुधार निर्धारित किये जाएंगे उसे हम पूरा कर हम राज कोषीय घाटे के मामले में अतिरिक्त सीमा की स्वीकृति प्राप्त करेंगे। इस ध्यान में रखकर बजट अनुमान तैयार किया गया हैं। बजट में राजकोषीय घाटा साढे चार प्रतिशत रहने का अुनमान है। देवड़ा ने कहा कि इस वर्ष 8,293 करोड़ का राजस्व घाटा अनुमानित है। उन्होंने कहा कि आशावादी दृष्टिकोंण अपनाते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व एवं गैर कर-राजस्व में वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक होने का अनुमान है।