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आसान कैश फ्लो के लिए चाहिए 14.27 लाख करोड़ रुपए, अब केवल 1.15 लाख करोड़ रुपए के नोट और छापने की जरूरत

आरबीआई को 1.15 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट छापने की है जरूरत, 1.17 लाख करोड़ मूल्य के नोट छापने की जरूरत नहीं, छपाई में 500-1,000 करोड़ रुपए की बचत होगी।

Abhishek Shrivastava
Published : April 01, 2017 12:07 IST
मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि पर्याप्त मात्रा में पुनर्मुद्रण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अतिरिक्त 1.15 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोटों को छापने की जरूरत है। एसबीआई ने कहा कि 24 मार्च तक 13.12 लाख करोड़ रुपए चलन में थे।

एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग के मुख्य आर्थिक सलाहकार कांति घोष ने एक रिपोर्ट में कहा कि हमारा मानना है कि आरबीआई को अतिरिक्त 1.15 लाख करोड़ रुपए के नोट छापने चाहिए और औसत गति से नोटों की छपाई की जाए तो प्रक्रिया अप्रैल के पहले पखवाड़े में पूरी हो जाएगी।

चार नवंबर, 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, नोटबंदी से पहले 17.97 लाख करोड़ रुपए चलन में थे। एसबीआई ने कहा कि पर्याप्त पुनर्मुद्रण के लिए कुल 14.27 लाख करोड़ रुपए बाजार में लाना काफी है। घोष ने कहा कि नोटबंदी के बाद पुनर्मुद्रण के लिए प्रिंटिंग प्रेस को नोटों की छपाई दिन-रात करनी पड़ रही है, ताकि पहले की अवस्था प्राप्त की जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि उनका मानना है कि आरबीआई को उतने मूल्य के नोटों को छापने की जरूरत नहीं है, जितने नोटबंदी के दौरान रद्द किए गए थे। घोष ने कहा कि ऐसा इसलिए, क्योंकि नोटबंदी से पहले बाजार में अतिरिक्त मात्रा में नकदी चलन में थी। इसके अलावा, डिजिटल लेनदेन पर सरकार के जोर से काफी आबादी का झुकाव नकदी के कम इस्तेमाल की ओर हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 1.17 लाख करोड़ मूल्य के नोट छापने की जरूरत नहीं है। इससे छपाई में 500-1,000 करोड़ रुपए की बचत होगी। इसके मुताबिक, 2.50 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी नोटबंद से पहले चलन में थी। डिजिटल भुगतान पर आरबीआई द्वारा हाल में जारी आंकड़ों के मुताबिक, डिजिटल भुगतान में भारी वृद्धि देखी गई है, साथ ही नोटबंदी के बाद हर दिन 5,476 पीओएस मशीनें लगाई गई हैं।

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