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Hot Winter: सूखे के बाद किसानों पर गर्मी वाली सर्दी की मार, लगातार दूसरे साल कम होगा गेहूं का उत्‍पादन

दिसंबर महीने में इस साल औसत तापमान रिकॉर्ड 22-23 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंच गया। इसके कारण लगातार दूसरे साल गेहूं का उत्‍पादन घट सकता है।

Abhishek Shrivastava
Updated : January 11, 2016 13:43 IST
Hot Winter: सूखे के बाद किसानों पर गर्मी वाली सर्दी की मार, लगातार दूसरे साल कम होगा गेहूं का उत्‍पादन
Hot Winter: सूखे के बाद किसानों पर गर्मी वाली सर्दी की मार, लगातार दूसरे साल कम होगा गेहूं का उत्‍पादन

नई दिल्ली। सर्दी के मौसम पाले की वजह से फसलें बर्बाद हो जाती हैं ये तो आपने अक्सर सुना होगा, लेकिन लगातार दो साल सूखे जैसे हालात के बाद अब सर्दी में गर्मी के अहसास ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी है। दिसंबर महीने में इस साल औसत तापमान रिकॉर्ड 22-23 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंच गया और जनवरी में भी यह जारी है। इसके कारण लगातार दूसरे साल गेहूं का उत्‍पादन घट सकता है। वहीं, दूसरी रबी फसलों पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ेगा।

कमजोर मानसून के बाद किसानों पर गर्मी की मार

दिसंबर महीने में औसत तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जिसके कारण किसानों के पसीने छूट रहे हैं। बीते दो वर्ष के दौरान सूखे जैसे हालात झेलने के बाद पंजाब और हरियाणा के किसान अभी वाइट फ्लाई के हमले को भूल भी नहीं पाए थे कि मौसम ने करवट ले ली है। दिसंबर के महीने में औसत तापमान 22 से 23 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, किसानों का कहना है कि अगर यह आगे भी जारी रहा तो रबी की प्रमुख फसल गेहूं बर्बाद हो जाएगा। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी के दौरान अधिकतम औसत तापमान पिछले पंद्रह वर्षों में सबसे ज्यादा है। इसका प्रतिकूल असर रबी की फसलों पर पड़ेगा। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सीनियर साइंटिस्ट नवतेज बैंस ने बताया कि गेहूं के लिए औसत तापमान 18 डिग्री होना चाहिए,लेकिन तापमान 22-23 डिग्री पहुंच गया है।

लगातार दूसरे साल घटेगा गेहूं उत्पादन

सर्दी में गर्म मौसम की वजह से रबी फसलों की बुआई प्रभावित हो रहा है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर के अंत तक गेहूं की बुआई पिछले साल के मुकाबले 20 लाख हेक्टेयर कम हुई है। इसके कारण लगातार दूसरे साल देश में गेहूं का उत्पादन घट सकता है। इसके अलावा मौसम में बदलाव के कारण दलहन, तिलहन और चावल की खेती पर भी प्रभाव पड़ेगा।

पहाड़ों पर गर्मी, सेब ग्रोवर्स परेशान  

एप्पल ग्रोवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रविन्द्र चौहान ने कहा कि अब ना तो बारिश रही, ना बर्फबारी और ना ही ठंडा मौसम रह गया है। मध्य अक्टूबर के बाद से पहाड़ी क्षेत्रों में अप्रत्याशित गर्म महसूस की जा रही है। चौहान ने कहा कि सेब की फसल के लिए जीरो से लेकर अधिकतम तापमान 15 डिग्री को आदर्श माना जाता है, लेकिन इन दिनों 20 डिग्री तक पहुंच गया है। इसके कारण फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब पहाड़ों का मौसम दिल्ली, चंडीगढ़ और मैदानों के अन्य भागों से ज्यादा अलग नहीं रह गया है।

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