नई दिल्ली। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अब अपना पूरा ध्यान रीटेल कारोबार को आगे बढाने पर लगा दिया है। कंपनी अपने रीटेल बिजनेस की होल्डिंग कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर्स और सॉवरेन वेल्थ फंड्स को बेचना चाहती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुुुुुुुताबिक कंपनी का लक्ष्य इसके जरिए 60,000 से 63,000 करोड़ रुपए तक जुटाने का है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि निवेशकों को ताजा शेयर जारी किए जाएंगे और फंड जुटाने की प्रक्रिया अक्टूबर तक पूरी हो सकती है। उसने बताया कि कंपनी एक स्ट्रैटजिक इनवेस्टर भी लाना चाहती है लेकिन अभी इस मोर्चे पर कोई सक्रिय बातचीत नहीं हो रही है। इसमें अमेजन और वॉलमार्ट के नाम की चर्चा है लेकिन अभी तक उनके साथ कोई बात नहीं हुई है।
प्राइवेट इक्विटी फंड सिल्वर लेक के रूप में रिलायंस रीटेल को पहला निवेशक मिल गया है। सिल्वर लेक ने रिलायंस रीटेल में 1.75 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 7,500 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। सिल्वर लेक ने रिलांयस की टेक कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में भी निवेश किया था। एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस ने पिछले महीने फ्यूचर ग्रुप के रीटेल कारोबार का अधिग्रहण किया था। इससे रिलायंस रीटेल रेवेन्यू के हिसाब से अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 7 गुना बड़ी हो गई है।
माना जा रहा है कि जियो में निवेश करने वाली कई अन्य कंपनियां रिलायंस रीटेल में भी निवेश कर सकती हैं। इनमें सऊदी अरब की पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड, अबू धाबी की मुबादला इनवेस्टमेंट कंपनी, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी एल कैटरटॉन और केकेआर शामिल हैं। सूत्र ने कहा कि रिलायंस ने जियो प्लेटफॉर्म्स के सभी निवेशकों को रिटेल बिजनेस में हिस्सेदारी देने की पेशकश की है। इंटेल कैपिटल और क्वालकॉम ने इसमें हिस्सा लेने से मना कर दिया है जबकि फेसबुक और गूगल ने अब तक जवाब नहीं दिया है। रिलायंस के एक प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
जियो प्लेटफॉर्म्स में सिल्वर लेक ने दो किस्तों में 10,202.55 करोड़ रुपए में 2.08 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। रिलायंस रिटेल लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी, तेजी से बढ़ने वाली और सबसे ज्यादा मुनाफे वाली खुदरा कारोबार श्रृंखला का परिचालन करती है, जिसके देशभर में फैले 12,000 के करीब खुदरा स्टोर्स में 64 करोड़ के करीब खरीदारों का आना जाना होता है।