मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने ऋण बाजार में उपलब्ध सस्ते कोषों का लाभ उठाने के लिए लक्षित लंबी अवधि के रेपो परिचालन मार्ग से 9,000 करोड़ रुपए जुटाने का फैसला किया है। यह धनराशि एनसीडी बिक्री के जरिये जुटाई जाएगी और इसका इस्तेमाल मौजूदा महंगे ऋणों की अदायगी के लिए किया जाएगा। रिलायंस सर्वाधिक नकदी संपन्न कंपनी है, लेकिन उस पर कर्ज भी बहुत अधिक है, जो मार्च 2020 में 1.54 लाख करोड़ रुपए से अधिक था।
आरआईएल ने शेयर बाजार को बताया कि वह 16 अप्रैल को 9,000 करोड़ रुपए के गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र (एनसीडी) निर्गम ला रही है और इस प्रक्रिया से मिली धनराशि का इस्तेमाल मौजूद रुपया में लिए गए ऋण की अदायगी में किया जाएगा।
इस इश्यू में दो घटक हैं, पहला 4500 करोड़ रुपए का निश्चित दर और इतनी ही राशि का फ्लोटिंग दर पर उपलब्ध होगा। इनकी ब्याज दर क्रमश: 7.20 प्रतिशत और 4.40 प्रतिशत होगी।
कंपनी ने कहा कि एनसीडी को प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिये जारी किया जाएगा। प्रत्येक एनसीडी की फेस वैल्यू 10 लाख रुपए होगी।