नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने अपने मौजूदा और आगामी डिजिटल सेवा प्लेटफॉर्मों के लिए एक अलग अनुषंगी कंपनी बनाने का फैसला किया है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी की विज्ञप्ति के अनुसार, नई कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की पूर्ण अनुषंगी इकाई होगी और इसमें 1.08 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। यह अनुषंगी कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल) में रिलांयस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी को 65,000 करोड़ रुपए में अधिग्रहीत करेगी।
रिलायंस ने कहा कि रिलायंस जियो इंफोकॉम के निदेशक मंडल ने कंपनी और उसके कुछ प्रकार के निवेशकों के बीच एक नई व्यवस्था को मंजूरी दी है, जिसमें उसके ऋणपत्रधारक भी शामिल होंगे। नई व्यवस्था के तहत कंपनी की कुछ चिह्नित देनदारियां रिलायंस इंडस्ट्रीज को हस्तांतरित की जाएंगी। ये देनदारियां 1.08 लाख करोड़ रुपए तक होंगी। इन देनदारियों के हस्तांतरण में भुगतान के लिए इतने ही मूल्य के तरजीही शेयर (ओसीपीएस) जारी किए जाएंगे, जिनको शेयर में बदलने का विकल्प होगा।
इससे, रिलांयस जियो इंफोफॉम 31 मार्च, 2020 तक कर्ज से पूरी तरह से मुक्त हो जाएगी और उस पर सिर्फ स्पेक्ट्रम संबंधी देनदारियां ही बचेंगी। आरआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि यह एक तरह से बाजार में आमूल-चूल परिवर्तन करने वाला डिजिटल सेवा प्लेटफॉर्म होगा। यह भारत की नंबर एक संपर्क सेवा, अग्रणी डिजिटल एप तंत्र और विश्व की सबसे अच्छी प्रौद्योगिकी क्षमताओं से जुड़ा होगा।
अंबानी ने कहा कि बहुत से संभावित निवेशकों ने इसमें भागीदारी के लिए इच्छा जताई है। कंपनी अच्छे भागीदारों का चयन करेगी ताकि आरआईएल के शेयरधारकों को उनके निवेश का अच्छा मूल्य मिल सके।