नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के पिछले दो माह के दौरान 14 अरब डालर की हिस्सेदारी बिक्री और सात अरब डालर के राइट इश्यू को पूरा कराने के बाद अब कर्ज घटाने की दिशा में अगला बड़ा कदम उसके ईंधन कारोबार की तरफ से उठ सकता है। उसके ईंधन व्यवसाय में नकदी प्रवाह अनुमान से बेहतर है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। मोर्गन स्टेनले की इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘ईंधन कारोबार में उम्मीद से बेहतर शुरुआत हुई है। वृद्धि और आश्चर्यचकित करने वाला अगला कदम ऊर्जा और खुदरा कारोबार में मात्रा और मार्जिन सुधार के क्षेत्र से आ सकता है।’’
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के तेल से लेकर खुदरा, दूरसंचार कारोबार करने वाले समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले दो माह के दौरान 14 अरब डालर की हिस्सेदारी की बिक्री की और सात अरब डालर के राइट इश्यू को पूरा कर सभी चौकाया हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ‘‘हमारा मानना है कि इससे शुद्ध कर्ज (1.6 लाख करोड़ रुपये) में 2020-21 की समाप्ति तक इससे आधे की कमी आ जायेगी। जैसे ही शेष संपत्ति का मौद्रीकरण पूरा होगा शुद्ध कर्ज भार शून्य के करीब आ जायेगा।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज की कटौती के मामाले में अगला चौंकाने वाला कदम ऊर्जा क्षेत्र से आ सकता है। इस मामले में भी रिलायंस का नकदी प्रवाह अनुमानों से बेहतर देखा जा रहा है। रिलायंस ने अपने तेल से लेकर रसायन के कारोबार को अलग करना शुरू किया है। इसमें उसकी गुजरात के जामनगर में दो तेल रिफाइनरियां और पेट्रो रसायन यूनिट शामिल हैं।