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सरकार ने RIL पर लगाया 1,700 करोड़ रुपए का जुर्माना, लक्ष्‍य से कम उत्‍पादन मामले में हुई कार्रवाई

सरकार ने RIL और उसके भागीदारों पर लक्ष्य से कम गैस का उत्पादन करने के मामले में 26.4 करोड़ डॉलर यानि लगभग 1,700 करोड़ रुपए का एक नया जुर्माना लगाया है।

Manish Mishra
Published on: August 16, 2017 8:29 IST
सरकार ने RIL पर लगाया 1,700 करोड़ रुपए का जुर्माना, लक्ष्‍य से कम उत्‍पादन मामले में हुई कार्रवाई- India TV Paisa
सरकार ने RIL पर लगाया 1,700 करोड़ रुपए का जुर्माना, लक्ष्‍य से कम उत्‍पादन मामले में हुई कार्रवाई

नई दिल्ली। सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और उसके भागीदारों पर बंगाल की खाड़ी की परियोजना में लक्ष्य से कम गैस का उत्पादन करने के मामले में 26.4 करोड़ डॉलर यानि लगभग 1,700 करोड़ रुपए का एक नया जुर्माना लगाया है। कृष्णा-गोदावरी बेसिन (केजी बेसिन) के फील्ड D6 में 2015-16 के दौरान तय लक्ष्य से कम उत्पादन के मामले में यह कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही एक अप्रैल 2010 से लेकर छह वर्ष में इस परियोजना में उत्पादन लक्ष्य से पीछे रहने के कारण कंपनी पर कुल 3.02 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया जा चुका है। यह जुर्माना परियोजना की गैस-तेल की बिक्री से परियोजना-लागत निकालने पर रोक के रूप में है। यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी।

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केजी-डी6 परियोजना में RIL के साथ ब्रिटेन की बीपी कंपनी और कनाडा की निको रिसोर्सेज शामिल हैं। परिेयोजना का विकास एवं परिचालन वसूलने पर पाबंदी से उत्पादन लाभ में सरकार का हिस्सा बढ़ेगा। अधिकारी ने कहा कि परियोजना विकास पर लागत-वसूली की रोक के आधार पर सरकार ने अपने हिस्से के लाभ में अतिरिक्त 17.5 करोड़ डॉलर का दावा किया है।

इस परियोजना के धीरूभाई अंबानी-1 और 3 (D-1 और D-3) गैस फील्ड में दैनिक 8 करोड़ घनफुट गैस के उत्पादन के लक्ष्य से साथ परियोजना खर्च की मंजूरी दी गई थी, पर 2011-12 में उत्पादन 3.533 करोड़ घन मीटर , 2012-13 में 2.088 करोड़ घन मीटर तथा 2013-14 में घट कर 97.7 लाख घन मीटर दैनिक रह गया। इस समय यह घट कर दैनिक 40 लाख घन मीटर से कम है। इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए RIL और बीपी को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला।

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इन कंपनियों ने लागत वसूली पर रोक की सरकार की कार्रवाई को अंतराष्ट्रीय पंचनिर्णय अदालत में चुनौती दे रखी है। उनका कहना है कि उत्पादन में भागीदरी के अनुबंध पीएससी में इस तरह की रोक का कोई प्रावधान नहीं है।

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