नयी दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल), अडाणी समूह और टाटा समेत 19 कंपनियों ने सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने में रूचि दिखायी है। इस साल अप्रैल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सौर फोटोवोल्टिक मोड्यूल्स के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये 4,500 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी।
प्रोत्साहन योजना के तहत एकीकृत सौर पीवी मोड्यूल की 10,000 मेगावाट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य है। इसमें 17,200 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश आने का अनुमान है। एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘आरआईएल, अडाणी ग्रुप, फर्स्ट सोलर, शिरडी साईं और जिंदल पॉली ने योजना के तहत पॉलीसिलकन (चरण-1), वैफर (चरण-दो) और सेल्स तथा मोड्यूल्स (चरण-तीन और चार) के विनिर्माण को लेकर आवेदन दिये है। एल एंड टी, कोल इंडिया लि., रिन्यू और क्यूबिक ने दूसरे, तीसरे और चौथे चरण के लिये बोली जमा की है।’’ सूत्र ने यह भी कहा कि एक्मे, अवादा, मेघा इंजीनियरिंग, विक्रम सोलर, टाटा, वारी, प्रीमियर, एम्मवी और जुपिटर नाम की नौ अन्य कंपनियों ने चरण तीन और चार (सेल, मॉड्यूल) के लिए रुचि दिखाई है।
वर्तमान में सौर क्षमता वृद्धि काफी हद तक आयातित सौर पीवी सेल और मॉड्यूल पर निर्भर करती है क्योंकि घरेलू विनिर्माण उद्योग में इन उत्पादों को लेकर परिचालन क्षमता सीमित है। पीएलआई योजना - उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम - का उद्देश्य बिजली जैसे रणनीतिक क्षेत्र में आयात निर्भरता को कम करना है। योजना के तहत सौर पीवी विनिर्माताओं का चयन पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। सौर पीवी विनिर्माण संयंत्रों के चालू होने के बाद उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की बिक्री पर 5 साल के लिए पीएलआई का वितरण किया जाएगा।
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