नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड गुरुवार को पहली ऐसी भारतीय प्राइवेट कंपनी बन गई है, जिसने किसी एक तिमाही में 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का मुनाफा कमाया है। पेट्रोकेमीकल, रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस से रिकॉर्ड कमाई की दम पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह उपलब्धि हासिल की है।
आरआईएल को चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में शुद्ध लाभ 8.8 प्रतिशत बढ़कर 10,251 करोड़ रुपए रहा। पिछले साल समान तिमाही में कंपनी को 9,420 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। इस तिमाही में कंपनी का कारोबार 56 प्रतिशत बढ़कर 1,71,336 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा यह अब तक का सबसे ज्यादा मुनाफा है। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पास अब तक सबसे ज्यादा तिमाही मुनाफा कमाने का रुतबा था। जनवरी-मार्च 2013 तिमाही में आईओसी ने 14,512.81 करोड़ रुपए का लाभ कमाया था।
कंपनी ने अक्टूबर-दिसंबर 2018 तिमाही में अधिक रिटेल स्टोर खोले और अपने जियो मोबाइल फोन सर्विस में 2.8 करोड़ नए ग्राहक जोड़े, जिसने मुनाफा बढ़ाने में मदद की। रिटेल बिजनेस, जिसमें 6400 से अधिक शहरों में 9,907 स्टोर हैं, के टैक्स पूर्व लाभ में 210 प्रतिशत की वृद्धि रही और यह 1512 करोड़ रुपए रहा।
ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो को इस तिमाही में 831 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ, जो पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 65 प्रतिशत अधिक है। पेट्रोकेमीकल बिजनेस का टैक्स पूर्व लाभ भी 43 प्रतिशत बढ़कर 8221 करोड़ रुपए रहा।
दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स का परिचालन करने वाली रिलायंस रिफाइनरी को टैक्स पूर्व लाभ में लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट देखी गई। टैक्स पूर्व लाभ 18 प्रतिशत घटकर 5,055 करोड़ रुपए रहा। प्रति बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर कंपनी को 8.8 डॉलर की कमाई हुई, अक्टूबर-दिसंबर 2017 में कंपनी का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिजन 11.6 डॉलर प्रति बैरल था। कंपनी के पास दिसंबर तिमाही में 77,933 करोड़ रुपए की नकदी थी, जो इससे पहले की तिमाही में 76,740 करोड़ रुपए थी।