नई दिल्ली। वाहनों के कल पुर्जे बनाने वाली रिको ऑटो इंडस्ट्रीज ने हरियाणा के धारूहेड़ा संयंत्र के 119 स्थायी कर्मचारियों को 22 मई को नौकरी से निकाल दिया। कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि व्यावसायिक मांग के अनुसार कार्यबल को युक्ति संगत बनाने के लिए धारूहेड़ा संयंत्र में स्थायी कर्मचारियों के लिए अक्टूबर 2019 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पेश की गई थी। हालांकि 208 में से केवल 42 ने ही वीआरएस योजना का लाभ लिया था।
लेकिन संयंत्र को चलाते रखने के लिए कंपनी को अपने कार्यबल में और कमी करने की जरूरत है। इसलिए कंपनी ने 119 और कर्मचारी हटा दिए हैं। कंपनी ने कहा कि इन सभी कर्मचारियों को औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 की धारा-25सी के तहत मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। रिको विभिन्न दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए कलपुर्जों की आपूर्ति करती है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक लेंगे 10 प्रतिशत कम वेतन
कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए निजी क्षेत्र के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के वरिष्ठ प्रबंधकों ने स्वैच्छिक रूप से 10 प्रतिशत कम वेतन लेने की घोषणा की है। बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भी अपने वेतन में 30 प्रतिशत कटौती स्वीकार की है। बैंक ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसके वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों ने चालू वित्त वर्ष में स्वैच्छिक रूप से 10 प्रतिशत कम वेतन लेने की घोषणा की है।
बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी.विजयनाथन ने भी अपने वेतन में 30 प्रतिशत कटौती की है। बैंक ने सभी कर्मचारियों को बनाए रखने की बात भी कही। इसमें महामारी से पहले नए भर्ती किए गए कर्मचारी भी शामिल हैं। बैंक ने कोविड-19 महामारी के बावजूद 2019-20 की बची अवधि के लिए अपने 78.2 प्रतिशत कर्मचारियों को 100 प्रतिशत परिवर्तनीय वेतन का भी भुगतान किया है। बैंक ने पीएम केयर्स में पांच करोड़ रुपए का योगदान दिया है।