रायपुर। छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ सत्र की धान की खरीद एक दिसंबर से शुरू होगी और 15 फरवरी तक चलेगी। राज्य सरकार ने किसानों से 2,500 रुपए क्विंटल की दर से धान खरीद की योजना बनाई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने खरीद कार्य और चालू विपणन सत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत धान और मक्का की खरीद और उसकी मिलिंग नीति को मंजूरी दे दी।
अधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार एक दिसंबर से लेकर अगले वर्ष 15 फरवरी तक प्राथमिक सहकारिता सोसायटियों से धान खरीदेगी। राज्य सरकार ने चालू खरीफ सत्र में किसानों से 2,500 रुपए प्रति क्विन्टल की दर से करीब 85 लाख टन धान खरीद करने की योजना बनाई है। सरकार का इरादा अधिशेष चावल को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत उपयोग के लिये योगदान करने का है।
उन्होंने कहा कि हर पंजीकृत किसान से कम से कम प्रति एकड़ 15 क्विन्टल धान की खरीद की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि यहां यह उल्लेखनीय है कि हाल ही में बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों के व्यापक हित में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर 2,500 रुपए क्विंटल करने का अनुरोध किया था। इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि या फिर प्रदेश को बढ़ी हुई कीमत पर धान खरीद की अनुमति दी जाए। यह अनुरोध इस वर्ष जुलाई में धान का एमएसपी घोषित किये जाने के बाद किया गया।
सरकार ने जुलाई में वर्ष 2019-20 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य सामान्य ग्रेड के धान के लिए 1,815 रुपए क्विन्टल है तथा ए-ग्रेड की धान का एमएसपी 1,835 रुपए क्विन्टल तय किया गया। पिछले साल राज्य में सत्ता में आने के बाद, कांग्रेस ने किसानों से 2,500 रुपए प्रति क्विन्टल की दर से धान की खरीद करने के अपने चुनावी वादे को पूरा किया है।