नई दिल्ली। महंगाई से आम आदमी का पीछा छूटता नजर नहीं आ रहा है। पहले, टमाटर, फिर प्याज, उसके बाद दाल और अब चावल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। उद्योग मंडल एसोचैम के अनुसार भंडारण में कमी और खरीफ सीजन के दौरान उत्पादन में संभावित कमी के कारण चावल की कीमतों में तेजी आ सकती है। गौरतलब है कि इस साल देश में सामान्य के मुकाबले कम बारिश हुई है।
हालांकि, यह रिपोर्ट बाजार में मौजूदा दाम से उलट है। बाजार में गैर-बासमती चावल की थोक कीमत पिछले साल के मुकाबले 25 से 30 रुपए प्रति किलो नीचे चल रही है। चावल व्यापारियों के मुताबिक गैर-बासमती की तरह प्रीमियम बासमती चावल की कीमत पिछले सीजन की तुलना में 30 फीसदी घटकर 44-45 रुपए प्रति किलो के आसपास है। पिछले साल यह 62 से 65 रुपए किलोग्राम थी।
एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर उचित उपाय नहीं किए गए तो दालों, प्याज और सरसों तेल के बाद चावल के दाम उपभोक्ताओं को परेशान कर सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आगामी महीनों में चावल कीमतों में उबाल आ सकती है। सरकारी अनुमान के अनुसार 2015-16 के फसल वर्ष में खरीफ चावल का उत्पादन 9.06 करोड़ टन रहेगा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और और कर्नाटक में बारिश कम रहने से यह उत्पादन लक्ष्य को पाना संभव नहीं है। अधिक से अधिक उत्पादन 8.9 करोड़ टन रह सकता है। 2015-16 में कुल चावल उत्पादन 10.3 करोड़ टन रहेगा।