नई दिल्ली। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय सात जनवरी को कर आयुक्तों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को तार्किक बनाने और धोखाधड़ी की वजह से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने पर विचार किया जाएगा। सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि राज्य कर आयुक्तों तथा केंद्रीय कर के मुख्य आयुक्तों के साथ होने वाली इस बैठक में खामियों को दूर कर जीएसटी का अनुपालन बढ़ाने और कर अपवंचकों या प्रणाली से खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश के उपायों पर भी विचार होगा।
यह बैठक इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि जीएसटी परिषद की 18 दिसंबर को हुई बैठक में इन मुद्दों पर विस्तृत अध्ययन की बात कही गई थी। उसके बाद ही परिषद विभिन्न उत्पादों पर कर की दर बढ़ाने को लेकर अंतिम फैसला करेगी। इस बीच, एक उत्साहवर्धक आंकड़ा सामने आया है। दिसंबर महीने में जीएसटी संग्रह 1.03 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह लगातार दूसरा महीना है जबकि जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है।
सूत्रों का कहना है कि यह बैठक धोखाधड़ी और कर चोरी रोकने, जाली या बड़े इनपुट कर क्रेडिट का दावा करने पर अंकुश लगाने, कंपनियों द्वारा जमा कराई गई सूचना के मिलान को उनके बैंक खातों का ब्योरा लेने, रिफंड के दुरुपयोग को रोकने और सर्वश्रेष्ठ व्यवहार अपनाने जिससे राजस्व बढ़ाया जा सके, आदि मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई है।
सूत्रों ने बताया कि डाटा विश्लेषण और कृत्रिम मेधा (एआई) के अधिक इस्तेमाल पर भी बैठक में चर्चा होगी, जिससे कर चोरी करने वालों के बारे में सूचना प्राप्त की जा सके और राजस्व बढ़ाया जा सके। बैठक में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू), विश्लेषण एवं जोखिम प्रबंधन महानिदेशालय और जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के अधिकारी भी शामिल होंगे।