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राजस्‍व सचिव हसमुख अधिया ने GST से जुड़ी गलतफहमियां की दूर, मुफ्त सॉफ्टवेयर देने की कही बात

GST लागू होने के एक दिन बाद रविवार को केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने नई कर व्यवस्था के बारे में कई गलतफहमियों को दूर किया।

Manish Mishra
Published : July 03, 2017 12:07 IST
राजस्‍व सचिव हसमुख अधिया ने GST से जुड़ी गलतफहमियां की दूर, मुफ्त सॉफ्टवेयर देने की कही बात
राजस्‍व सचिव हसमुख अधिया ने GST से जुड़ी गलतफहमियां की दूर, मुफ्त सॉफ्टवेयर देने की कही बात

नई दिल्ली। देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के एक दिन बाद रविवार को केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने नई कर व्यवस्था के बारे में कई गलतफहमियों को दूर किया। अधिया ने ट्वीट किया,‘GST के बारे में सात मिथक चल रहे हैं, जो सही नहीं हैं। मैं उन्हें बारी-बारी से बताना चाहता हूं कि मिथ क्या है और वास्तविकता क्या है। कृपया इन पर गौर करें।‘ अधिया ने लोगों को अफवाहों के चक्कर में न पड़ने के लिए चेताया और कई सारे ट्वीट में कहा कि GST का क्रियान्वयन और अनुपालन पारदर्शी होगा।

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उन्होंने कहा कि GST के क्रियान्वयन को लेकर चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है, बड़ी आईटी अवसंरचना की जरूरत नहीं है। B2B को भी बड़े सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं है। हम मुफ्त सॉफ्टवेयर देंगे।”

उन्होंने GST के बारे में चल रहे मौजूद मिथकों को बारी-बारी से स्पष्ट किया :

मिथ : मुझे सभी इनवायस कंप्यूटर/इंटरनेट पर ही निकालने होंगे।

वास्तविकता : इनवायस हाथ से भी बनाए जा सकते हैं।

मिथ : GST के तहत कारोबार करने के लिए मुझे पूरे समय इंटरनेट की जरूरत होगी।

वास्तविकता : इंटरनेट की जरूरत सिर्फ मासिक GST रिटर्न दाखिल करने के लिए होगी।

मिथ : मेरे पास प्रोविजनल आईडी है, लेकिन कारोबार करने के लिए अंतिम आईडी का इंतजार कर रहा हूं।

वास्तविकता : प्रोविजनल आईडी आपका अंतिम GSTIN संख्या होगा। कारोबार शुरू कीजिए।

मिथ : मेरे कारोबार से संबंधित वस्तुएं पहले कर मुक्त थीं, इसलिए मुझे अब कारोबार शुरू करने से पहले तत्काल नए पंजीकरण की जरूरत होगी।

वास्तविकता : आप कारोबार जारी रख सकते हैं और 30 दिनों के भीतर पंजीकरण करा लीजिए।

मिथ : हर महीने तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे।

वास्तविकता : तीन हिस्सों वाला सिर्फ एक ही रिटर्न है, जिसमें से पहला हिस्सा कारोबारी द्वारा दाखिल किया जाएगा और दो अन्य हिस्से कंप्यूटर द्वारा स्वत: दाखिल हो जाएंगे।

मिथ : छोटे कारोबारियों को भी रिटर्न में इनवाइस वार विवरण दाखिल करने होंगे।

वास्तविकता : खुदरा कारोबारियों (B2C) को केवल कुल बिक्री का सार भरने की जरूरत होगी।

मिथ : नई GST दरें पहले के वैट से अधिक हैं।

वास्तविकता : यह उत्पाद शुल्क और अन्य करों के कारण अधिक लगती है, जो पहले नहीं दिखती थी, और अब GST में मिला दी गई है और इसलिए दिखाई दे रही है।

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