नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने राजस्व घाटे (पीडीआरडी-Post Devolution Revenue Deficit) को पूरा करने के लिये कल राज्यों को 9,871 करोड़ रुपये की चौथी किस्त जारी कर दी। इस किस्त के जारी होने के साथ मौजूदा वित्त वर्ष में पीडीआरडी के तौर पर राज्यों को कुल 39,484 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। चौथी किस्त में सबसे ज्यादा हिस्सा केरल का रहा है।
चौथी किस्त में केरल को 1657 करोड़ रुपये जारी हुए हैं जिसके साथ कुल 4 किस्तों में राज्य को 6630 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल आंध्रप्रदेश अन्य दो राज्य हैं जिन्हें चौथी किस्त में हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मिले हैं। हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान को 800 करोड़ रुपये ज्यादा धनराशि मिली है। 2020-21 में अबतक कुल धनराशि पाने वाले राज्यों में केरल के बाद पश्चिम बंगाल (5869 करोड़ रुपये) और आंध्र प्रदेश (5752 करोड़) हैं।
राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत पीडीआरडी अनुदान प्रदान किया जाता है। पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को मासिक किस्त के तौर पर अनुदान दिया जाता है, ताकि राज्यों की आय और व्यय के बीच के अंतराल को पूरा किया जा सके। आयोग ने सिफारिश की थी कि 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान दिया जाये। आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान के रूप में 1,18,452 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश की थी। इस धनराशि में से अब तक चार किस्तों के तौर पर कुल 39,484 करोड़ रुपये (33.33 प्रतिशत) की रकम जारी की गई है।पंद्रहवें वित्त आयोग ने पीडीआरडी अनुदान के लिये जिन राज्यों की सिफारिश की थी, उनमें आंध्रप्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
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