नई दिल्ली। व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने Walmart और Flipkart के बीच हुए सौदे को पर कहा है कि यह भारत के खुदरा बाज़ार पर कब्जा जमाने की Walmart की कोशिशों का ही एक हिस्सा है। CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह साफ तौर पर Walmart द्वारा ई-कॉमर्स के जरिये भारतीय रिटेल बाजार पर नियंत्रण करने की कोशिश है।
हालांकि, रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया ने इस सौदे पर सीधी प्रतिक्रिया से बचते हुए कहा कि देश में कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां मार्केटप्लेस पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। CAIT ने बयान में कहा है कि डिजिटल रूप से सशक्त e-Walmart निश्चित रूप से ई-कॉमर्स और खुदरा बाजार को विकृत करेगी। इसमें सभी को समान अवसर सुनिश्चित नहीं होंगे और खुदरा कारोबारियों को निश्चित रूप से नुकसान होगा। बयान में कहा गया है कि इससे सिर्फ उद्यम पूंजी निवेशकों , निवेशकों और प्रवर्तकों को फायदा होगा, देश को नहीं।
खंडेलवाल ने मांग की है कि सरकार तुरंत ई कॉमर्स के लिए एक नीति लाये और एक नियामक प्राधिकरण का गठन करे और तब तक Walmart फ्लिपकार्ट सौदे को स्थगित रखा जाए। रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया ने सरकार से FDI नीति के अनुपालन को सुनिश्चित करने करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव डी एस रावत का हालांकि कहना है कि Walmart-Flipkart सौदा भारतीय स्टार्टअप की सफलता को दर्शाता है।