नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय एक आदर्श कानून पर चर्चा के लिए मंगलवार को पहली त्रिपक्षीय बैठक आयोजित करेगा। इस आदर्श कानून में पूरे साल दुकानें खोलने और बंद करने के समय सहित विभिन्न मुद्दों पर रिटेल शॉप व मॉल्स को अधिक लचीलापन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि श्रम मंत्रालय ने आदर्श दुकानें एवं प्रतिष्ठान (रोजगार व सेवा शर्तों के नियमन) विधेयक, 2015 पर चर्चा के लिए पांच जनवरी को एक त्रिपक्षीय बैठक बुलाई है। विधेयक के मसौदे के मुताबिक, आदर्श कानून विधायी प्रावधानों में एकरूपता लाएगा, जिससे सभी राज्यों के लिए इसे अपनाना आसान होगा और देशभर में काम की शर्तों में एकरूपता सुनिश्चित हो सकेगी।
वर्तमान में राज्यों के अपने कानून हैं, जिनके जरिये दुकानों व प्रतिष्ठानों का नियमन किया जाता है। इसमें दुकानें खोलने व बंद करने के समय, अवकाश और महिलाओं के काम की पालियों का नियमन शामिल है। विधेयक में कहा गया है कि महिलाओं को रात की पाली में काम करने की अनुमति होनी चाहिए और भर्ती, प्रशिक्षण, बदली और प्रोन्नति के मामले में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
यह विनिर्माण इकाइयों को छोड़कर उन सभी दुकानों व प्रतिष्ठानों पर लागू होगा, जहां 10 या अधिक कर्मचारी हैं। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डीएल सचदेव ने कहा कि जब राज्यों के अपने कानून हैं तो क्यों केंद्रीय स्तर पर कानून होना चाहिए।