मुंबई। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में निवेश की परिपक्वता पर 40 फीसदी तक का कर लाभ प्रदान करने के बजटीय प्रावधान के बाद एनपीएस के खुदरा खंड में पिछले एक साल में 100 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई। पीएफआरडीए के अध्यक्ष हेमंत कॉन्ट्रेक्टर ने कहा कि नए कर लाभ के प्रावधान ने भारी संख्या में खुदरा निवेशकों को एनपीएस योजनाओं की ओर आकर्षित किया है। गौरतलब है कि पांच साल पहले पेश एनपीएस योजना खुदरा उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में नाकाम रही थी।
हेमंत कॉन्ट्रेक्टर ने कहा कि पिछले एक साल में खुदरा एनपीएस में 100 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। ये दूसरी बात है कि यह लगभग शून्य आधार से शुरू हुआ था। एनपीएस की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति बढ़कर 1,380 अरब रुपए हो गई जिसमें से खुदरा परिसंपत्ति 3,000 करोड़ रुपए है। एनपीएस-स्वावलंबन के लिए इस योजना में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या एनपीएस का विकल्प चुनने वाले सरकारी कर्मचारियों की संख्या से अधिक है। हालांकि मूल्य के लिहाज से सरकारी कर्मचारियों के योगदान की राशि के मुकाबले यह काफी कम है।
पीएफआरडीए प्रमुख ने कहा, एनपीएस में संख्या के लिहाज से सरकारी अंशदाताओं की संख्या 40 फीसदी से कम है। हालांकि मात्रा के लिहाज से एनपीएस की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति में इसका योगदान 87 फीसदी है जो फिलहाल 1,380 अरब रुपए है। उन्होंने कहा कि बैंकों की ओर से अटल पेंशन योजना के कार्यान्वयन को थोड़ी सफलता मिली है क्योंकि उन्होंने अब तक इस योजना के तहत 32 लाख खाते खोले हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति इस तथ्य के बावजूद है कि देश में अटल पेंशन योजना लागू करने के लिहाज से सरकार की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं उतरी है। अब तक हम अटल पेंशन योजना के तहत 900 करोड़ रुपए का संग्रह कर सके हैं। फिलहाल सात पेंशन कोष प्रबंधक हैं तथा पेंशन कोष नियामक ने इसमें और इकाइयों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा, हमने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। हम सरकार के पेंशन कोष का प्रबंधन करने वाले पेंशन कोष प्रबंधकों की संख्या बढ़ाने के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम इस मुद्दे पर सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह महीने भर में हो जाएगा। पेंशन कोष प्रबंधकों के लिए संशोधित ढांचे के बारे में उन्होंने कहा कि पेंशन कोष प्रबंधकों के लिए नया ढांचा साथ ही बनेगा। उन्होंने कहा, हमें इसके लिए नया प्रस्ताव पत्र जारी करना होगा, इसके लिए मसौदा हमने तैयार कर लिया है और हम इसके लिए सरकार की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।