नई दिल्ली। खाद्य वस्तुओं, विशेषकर अंडे और सब्जियों के दाम बढ़ने से दिसंबर में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 5.21 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के हिसाब से सुखद स्तर से बहुत अधिक है। इससे निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। उल्लेखनीय है कि जब रिटेल महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के तय लक्ष्यों के अनुरूप होती है, तभी नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की संभावना होती है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में 4.88 प्रतिशत पर थी। दिसंबर, 2016 में यह 3.41 प्रतिशत पर थी। सरकार ने रिजर्व बैंक से मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत रखने को कहा है, जो अल्प अवधि में उससे दो प्रतिशत से अधिक ऊपर या नीचे नहीं जानी चाहिए। मुद्रास्फीति के इस समय सुखद स्तर से ऊपर जाने के रुझान से केंद्रीय बैंक पर रेपो दर में कटौती नहीं करने का दबाव पड़ेगा।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 4.96 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने में 4.42 प्रतिशत पर थी। आंकड़ों के अनुसार अंडे, सब्जियां और फल इस दौरान महंगे हुए, जबकि मोटे अनाजों तथा दलहन की कीमतों में कमी आई है।