नई दिल्ली। रिटेल महंगाई की दर मई में 5.6 फीसदी के ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति में हालिया वृद्धि अस्थायी होगी। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र के बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) की रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को लेकर जताई जा रही चिंता कुछ जरूरत से अधिक है। बोफा-एमएल की शोध रिपोर्ट में कहा गया है, हम इस बात को लेकर अधिक चिंतित नहीं हैं कि खाद्य मुद्रास्फीति से रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों में एक और कटौती करना मुश्किल होगा। खाद्य मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी अस्थायी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल अच्छी बारिश के बाद खाद्य मुद्रास्फीति के नीचे आने की उम्मीद है। अक्टूबर-नवंबर से नई फसल आनी शुरू हो जाएगी।
सीएसओ के अनुमान से कम ही रहेगी वृद्धि दर: इंडिया रेटिंग्स
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि 2015-16 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो कि केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के 7.6 फीसदी के अग्रिम अनुमान से कम है।
इस रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा है, वित्त वर्ष 2016 में वास्तविक सकल मूल्य वृद्धि (जीवीए) तो सीएसओ के अग्रिम अनुमान के अनुसार ही हासिल कर ली जाएगी, हालांकि, जीडीपी वृद्धि दर 10 आधार अंक कम रह सकती है। एजेंसी का कहना है कि उसे 2015-16 की अंतिम तिमाही में वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है, जिससे 2015-16 की जीडीपी वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहेगी।